विचित्र पेड़, जो सालभर चलते रहता है, धीरे-धीरे पहुंच जाता है कई मीटर आगे

Update: 2023-08-20 10:08 GMT
जरा हटके: कुदरत के खेल भी निराले होते हैं. आपने कुदरत के ऐसे तमाम अजूबे देखे और सुने होंगे, जिन पर यकीन कर पाना मुश्किल होता है. कुछ ऐसा ही एक अजूबा हैं चलने वाले पेड़. हां, आपने सही सुना हम आज आपको ऐसे ही पेड़ों के बारे में बताएंगे, जो अपनी जगह से अलग पहुंच जाते हैं. अब तक आपने कीड़े-मकोड़ों को दबोचने वाले और शरमाने वाले पेड़ों के बारे में सुना होगा लेकिन एक पेड़ ऐसा भी है, जो अपनी जगह से चलता भी है.
ये विचित्र पेड़ इक्वाडोर में पाया जाता है और साल में कई मीटर तक आगे चला जाता है. इसे वॉकिंग पाम ट्री भी कहा जाता है, जिसका वैज्ञानिक नाम सोक्रेटी एक्सोररहिजा है. ये पेड़ दक्षिण अमेरिका के वर्षावनों में पाए जाते हैं. इन पेड़ों को सबसे ज्यादा इक्वाडोर की राजधानी क्वेटो से 100 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद सुमैको बायोस्फियर रिज़र्व में पाया जाता है.
चलने वाले पेड़ हैं ये
बीबीसी की रिपोर्ट की मानें तो वॉकिंग पाम ट्री साल भर में 20 मीटर तक चल सकता है और रोज़ाना ये 2 सेंटीमीटर तक आगे चले जाते हैं. .ये पेड़ इंसानों की तरह तो नहीं चलते हैं लेकिन एक खास प्रक्रिया इन्हें वॉकिंग ट्री बनाती है. दरअसल इस पेड़ की जड़ें बेहद खास हैं. इन पेड़ों में ज्यादातर एक ही तना होता है और इसकी नई जड़ें आते ही ये पेड़ थोड़ा आगे खिसक जाता है. इस प्रक्रिया में इसकी जड़ें ज़मीन से कुछ फीट ऊपर की ओर उभरी हुई दिखाई देती हैं. ये पेड़ के पैरों की तरह लगती हैं.
चूंकि ये बेहद अजीब प्रक्रिया है, ऐसे में पेड़ के चलने को लेकर वैज्ञानिकों के बीच भी डिबेट ही रही है. स्लोवाक अकादमी ऑफ़ साइंसेज ब्रतिस्ला के बायोलॉजिस्ट पीटर व्रसांस्की ने दावा किया था कि उन्होंने पेड़ की आगे बढ़ने की विचित्र गतिविधि को देखा है. मिट्टी के क्षरण की स्थिति में पेड़ की लंबी और नई जड़ें आती हैं और वो नई मजबूत ज़मीन ढूंढती हैं. नई जड़ पकड़ने के साथ ही पुरानी जड़ें ऊपर उठ जाती हैं और पेड़ कई बार 20 मीटर तक आगे खिसक जाता है. हालांकि तमाम वैज्ञानिक पेड़ के चलने को सिर्फ मिथक कहकर नकारते हैं.
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