इतनी छोटी उम्र में परिज़ा खान दुनिया के इतने देशों की यात्रा करने वाली पहली नन्हीं यात्री बनी

ग्वालियर नन्ही बिटिया परिज़ा खान ने महज़ पांच साल की उम्र में समुद्र के ज़रिए दुनियां नाप ली.

Update: 2022-08-01 13:19 GMT

ग्वालियर नन्ही बिटिया परिज़ा खान ने महज़ पांच साल की उम्र में समुद्र के ज़रिए दुनियां नाप ली. परिज़ा 44 देशों के 110 शहरों की समुद्र के ज़रिए यात्रा करने वाली भारत की पहली बच्ची बन गई है. इस उपलब्धि के कारण उसका नाम "इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में शामिल हुआ है. इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने परिजा को प्रमाण पत्र, मेडल और पेन के साथ रिकॉर्ड बुक भेजी है.

ग्वालियर की डीबी सिटी में रहने वाले शाहिद रजा खान मर्चेंट नेवी में कैप्टन हैं. परिवार में उनकी पत्नी सायमा और 5 साल की बेटी प्रजा के अलावा उम्रदराज माता जी साथ रहती हैं. परिजा का जन्म 16 नवंबर 2016 को हुआ था. वो जब 1 साल की हुई तो अपने माता पिता के साथ टूर पर जाने लगी. क्योंकि मर्चेंट नेवी में वरिष्ठ अधिकारियों को अपने परिवा को साथ में ले जाने की इजाजत होती है. इसलिए परिजा खान को भी जाने में परेशानी नहीं हुई. महज 8 माह की उम्र में वह अपनी मां सायमा खान के साथ पहली समुद्री यात्रा पर निकली थी यह यात्रा दुबई से भारत की थी. इसके बाद यात्राओं का जो दौर शुरू हुआ उसने इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज करा दिया.
एक नजर परिजा खान कि उन यात्राओं पर डालते हैं जिसके चलते उनका दाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज हुआ है…
-भारत में सबसे कम उम्र महज़ 3 वर्ष 5 महीने में दुनिया की परिक्रमा,
-परिजा ने अपना पहला कदम यानि चलना समुद्री जहाज पर ही सीखा.
-44 देशों औऱ 110 अंतर्राष्ट्रीय शहरों की यात्रा.
-भूमध्य रेखा , मध्याह्न रेखा – देशांतर 0º, अन्तर्राष्ट्रीय तिथि रेखा -180° डिग्री याम्योत्तर को पार किया
– दुनिया की परिक्रमा 360 डिग्री
– 21 महीने की समुद्री यात्रा के साथ सभी महासागर जिनमें अटलांटिक महासागर, प्रशांत महासागर, हिंद महासागर, भूमध्य सागर, ताइवान सागर, पीला सागर औऱ पनामा नहर को पार किया.
दोस्तों की सलाह पर
नन्हीं सी उम्र में इन यात्राओं के बारे में परिजा के माता पिता ने अपने मित्रों के बीच बताया. उनकी सलाह पर परिजा की इस उपलब्धि को रिकॉर्ड के रूप में दर्ज कराने के लिए पिता शाहिद रजा खान ने इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में आवेदन किया. जब इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड की ज्यूरी ने इसकी जांच पड़ताल की और परखा उसके बाद परिजा को यह उपलब्धि हासिल हुई
कठिन था समुद्री सफर
परिजा के माता पिता ने बताया कि समुद्री यात्रा के दौरान कई दौर ऐसे भी आते हैं जब जान हलक में आ जाती है. लेकिन उस वक्त भी नन्ही परिजा ने समुद्री तूफानों के अलावा सभी चुनौतियों का डटकर सामना किया और आज महज 5 साल की उम्र में जो रिकॉर्ड कायम किया है. जब वह बड़ी होकर देखेगी और समझेगी तो वह खुद पर गर्व महसूस कर पाएगी.


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