त्रिपुरा के एक इंजीनियर ने गीले कपड़े से बना दी बिजली, मिला इनोवेश अवॉर्ड

आज के समय में लोग तरह तरह के खोज कर लोगों को प्रोत्साहित करते हैं।

Update: 2020-11-16 16:43 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आज के समय में लोग तरह तरह के खोज कर लोगों को प्रोत्साहित करते हैं। अब ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं त्रिपुरा के एक इंजीनियर के बारे में। इस इंजीनियर के बारे में जानने के बाद आप हैरान रह जाएंगे। जी दरअसल हम जिस इंजीनियर के बारे में बात कर रहे हैं उन्होंने गीले कपड़े से बिजली बनाकर दिखा दी है और इसके लिए उन्हें इनोवेशन अवॉर्ड भी मिल गया है। सामने आने वाली खबर के मुताबिक, इस तकनीक से मेडिकल डायग्नोस्टिक किट और मोबाइल फोन को ऊर्जा दी जा सकती है।

मिली जानकारी के मुताबिक इंजीनियर को गांधियन यंग टेक्नोलॉजिकल इनोवेशन (GYTI) अवॉर्ड मिला है और उन्हें यह अवॉर्ड केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन द्वारा दिया है। एक वेबसाइट की खबर के अनुसार यह कारनामा जिन्होंने किया है उनका नाम शंख सुभरा दास है। वह बांग्लादेश सीमा पर मौजूद गांव खेडाबरी में रहते हैं और यह गांव सिपाहीजाला जिले में पड़ता है। उनके अनुसार यह बिजली कैपिलरी एक्शन और पानी का वाष्पीकरण पर निर्भर है। उन्होंने इसके लिए एक कपड़े को तय लंबाई-चौड़ाई पर काटा, उसके बाद उसे प्लास्टिक के पाइप में डाल दिया। उसके बाद वह पाइप आधे भरे पानी के बर्तन में फिक्स किया और पाइप के दोनों साइड पर कॉपर इलेक्ट्रोड लगाए गए। इससे उन्हें वोल्टेज मिल रही थी।

जी दरअसल शंख सुभरा दास ने आईआईटी खड़गपुर से पीएचडी की हुई है। बताया जा रहा है कि अभी इससे निकलने वाली ऊर्जा इतनी नहीं है कि इससे बिजली के बड़े उपकरण भी चल सकें। वहीं इस परेशानी को दास और उनकी टीम ने 30-40 डिवाइस को एक साथ जोड़कर खत्म कर दिया था। अब इससे छोटी सी एलईडी चल सकती है, और मोबाइल फोन को चार्ज भी कर सकते हैं।

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