तीसरी कक्षा की छात्रा का कमाल, एकत्र किए कई देशों के 5,000 से अधिक माचिस के डब्बे
बहुत से लोगों को अलग अलग जगहों पर जाकर वहां की तस्वीरें इकट्ठा करना पसंद होता है, तो कुछ को अलग अलग खाने की डिशेज बनाना
जनता से रिस्ता वेबडेस्क। भुवनेश्वर : बहुत से लोगों को अलग अलग जगहों पर जाकर वहां की तस्वीरें इकट्ठा करना पसंद होता है, तो कुछ को अलग अलग खाने की डिशेज बनाना. आपने बहुत से लोगों को सिक्के इक्ट्ठा करते हुए देखा होगा और कुछ लोगों को अलग-अलग देशों के टिकट. लेकिन, ओडिशा की एक लड़की को इनसब से हटकर एक अजीब शौक है. भुवनेश्वर की इस तीसरी कक्षा की छात्रा दिव्यांशी को दुनिया भर से माचिस के डब्बे इकट्ठा करने का शौक है.
दिव्यांशी का कहना है कि उसे यह शौक अपने पापा की वजह से हुआ है. दिव्यांशी के पाप वन्यजीव फोटोग्राफर हैं और वो जब भी बाहर जाते थें तो वहां से माचिस का एक डब्बा ले आया करते थे. दिव्यांशी ने बताया कि "मेरे पिता एक वन्यजीव फोटोग्राफर हैं और बहुत यात्रा करते है. मैं अपने रिश्तेदारों को भी मेरे पास माचिस लाने के लिए कहती हूं. मैंने उन्हें विभिन्न विषयों के अनुसार व्यवस्थित किया है. मेरे पिता एक वन्यजीव फोटोग्राफर हैं. वे बहुत यात्रा करते हैं और वह वहाँ से माचिस का डब्बा लेकर आते हैं." फिर मैंने इसे इकट्ठा करना शुरू कर दिया.