गोल्फ बॉल खाकर उखड़ने लगी थी भूखे सांप की सांसे, आधे घंटे की प्रक्रिया के बाद निकला बाहर
कई बार भूखे होने पर जानवर कुछ गलतियां कर बैठते हैं. खाने के भ्रम में कुछ ऐसा निगल जाते हैं
कई बार भूखे होने पर जानवर कुछ गलतियां कर बैठते हैं. खाने के भ्रम में कुछ ऐसा निगल जाते हैं जिसे पचा पाना उनके बस में नहीं होता. ऐसे में अगर किसी की नज़र उनपर पड़ी तब तो बचाने की कोशिश संभव हो पाती है. वरना अनजाने में हुई गलती जान पर भारी पड़ सकती है. ऐसा ही हुआ उस बेचारे सांप के साथ जिसने पेट भरने की जल्दी में रबर की गेंद को अपना निवाला बना लिया, फिर लेने के देने पड़ गए.
Wildlife viral video में देखिए कैसे एक बुलस्नेक ने अंडे समझकर दो बॉल्स को अपना निवाला बनाने की कोशिश की. लेकिन उसे पचा पाने में असमर्थ हुआ तो अमेरिका की NCWC की टीम की मदद से न सिर्फ सांप के शरीर से गेंद बाहर निकाली गई, बल्कि उसकी जान भी बचाई.
गोल्फ बॉल खाकर उखड़ने लगी थी सांप की सांसे
अमेरिका के उत्तरी कोलोराडो वन्यजीव केंद्र ने फेसबुक पोस्ट के ज़रिए बुलस्नेक के साथ हुई अजीब घटना का ज़िक्र किया. जिसका रेस्क्यू करने के लिए एक शख्स ने वन्यजीव टीम को फोन करके बुलाया था. गनीमत थी की रेस्क्यू टीम के पहुंचने तक सांप की सांसे चल रही थी. जिससे उसे बचाने की उम्मीद बनी रही. दरअसल बताया गया कि बुलस्नेक ज़ोर का भूखा था, ऐसे में उसने चिकेन के अंडे समझकर जल्दबाज़ी में रबर की दो बॉल को अपना आहार बना लिया. और झट से मुंह में डाल लिया. लेकिन उसे पचाने की कोशिश में गेंद बॉडी में अटक गई, और उसकी आंत और श्वसन क्रिया बाधित होने लगी. नॉर्दर्न कोलोराडो वाइल्डलाइफ सेंटर ने मंगलवार को सांप के साथ हुई घटना की जानकारी दी थी. जिसके शरीर से बॉल को निकालने और उसे वापस अपनी सांसों को हासिल करने में तकरीबन 30 मिनट का वक्त लगा.
गेंद बाहर निकालकर बचाई गई सांप की जान
गोल्प गेंदों ने सांप की आंतों प्रभावित करना शुरु कर दिया था. ऐसे में वन्यजीव टीम की कोशिश थी कि बिना सांप को कोई नुकसान पहुंचाए गेंदों को बाहर निकाल लिया जाए. हालांकि ये आसान नहीं था. फिर टीम ने पूरा ज़ोर लगाया और एक धीमी प्रक्रिया के दौरान गेंद को बाहर निकालने में कामयाब रहे. रेस्क्यू टीम के मुताबिक बुलस्नेक धीरे-धीरे रिकवर कर रहा है. उसकी जान बचाकर उन्हें खुशी हुई. हालांकि उन्होंने ये चेतावनी ज़रूर दी कि जब भी किसी जीव को किसी मुश्किल हालात में देखे, तो खुद से कई ट्रीटमेंट या खाना देने की बजाय सबसे पहले किसी प्रमाणित वन्य जीव सेंटर पर जानकारी दे. और जीव का रेस्क्यू करवाने में मदद करें.