सिंगापुर के चांगी एयरपोर्ट पर बड़ी ही विचित्र घटना देखने को मिली
शेरों को चाहे टीवी पर देखें या फिर जू में पिंजड़े में कैद देखें, डर एक बराबर ही लगता है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। शेरों को चाहे टीवी पर देखें या फिर जू में पिंजड़े में कैद देखें, डर एक बराबर ही लगता है. ऐसे खौफनाक जानवर को देखकर डरना लाजमी भी है जो मिनटों में इंसान की जान ले सकता है मगर सोचिए कि अचानक खुला शेर आपके सामने आ जाए तो आपकी क्या हालत होगी. ये विचार ही डरावना है मगर हाल ही में ऐसा ही कुछ हुआ सिंगापुर में जब एक एयरपोर्ट पर शेरों (Lions break free from Cage at Singapore Airport) का पिंजड़ा खुल गया और वो बिल्डिंग (Lions Spotted at ariport) के आसपास, लोगों के बीच टहलते नजर आए.
रविवार 12 दिसंबर को सिंगापुर के चांगी एयरपोर्ट (Changi Airport Singapore) पर बड़ी ही विचित्र घटना देखने को मिली. यहां दो शेरों को कहीं और ट्रांसपोर्ट किया जा रहा था जब अचानक उनका पिंजड़ा (Lions Freight Container Opened at Airport) खुल गया. पिंजड़ा खुलने के बाद वो एयरपोर्ट की बिल्डिंग के आसपास घूमने लगे. दोनों को देखकर लोगों की ऐसी हालत हो गई मानिए उनके पसीने ही छूटने लगे पर एयरपोर्ट अथॉरिटी ने इस घटना पर काबू करने के लिए तुरंत आवश्यक कदम उठाया.
वाइल्डलाइफ ग्रुप ने पाया शेरों पर काबू
सिंगापुर एयरलाइन ने तुरंत ही मंडाई वाइल्डलाइफ ग्रुप को बुलाया जिन्होंने शेरों को पकड़ने की मुहिम शुरू की. रिपोर्ट्स की मानें तो ग्रुप ने जानवरों को तुरंत ही बेहोश करने का इंजेक्शन (Lions Sedated at Airport) दिया जिसके बाद उनपर काबू पाया जा सका. इसके बाद उन्हें ग्रुप के जानवरों के क्वारंटीन सेंटर ले जाया गया जहां उनका ध्यान रखा जा रहा है.
अलग-अलग पिंजड़ों में थे 7 शेर
सिंगापुर एयरलाइन और मंडाई वाइल्डलाइफ ग्रुप दोनों ही शेरों का ख्याल रखने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. रिपोर्ट्स की मानें तो ये नहीं पता चल पाया है कि किस देश से जानवरों को लाया गया था और कहां ले जाया जा रहा था मगर शिपमेंट में कुल 7 शेर थे जिनमें से दो का पिंजड़ा अचानक ही खुल गया और दोनों बाहर निकल आए. कुछ देर वो अपने ही पिंजड़े के ऊपर बैठ गए लेकिन बाद में वो एयरपोर्ट परिसर में टहलते हुए दिखाई दिए. सिंगापुर एयरलाइन ने बताया कि शेर ने लोगों को कोई खतरा नहीं पहुंचा, ना ही उनके कारण फ्लाइट की उड़ान में किसी तरह की बाधा आई है. अब जांच भी शुरू कर दी गई है जिससे ये पता लगाया जा सके कि शेरों का पिंजड़ा खुला कैसे.