बिना जबड़े के पैदा होने वाले शख्स ने सिखाया जिंदगी जीनें का सलीका

दुनिया में कई लोगों की कहानियां ऐसी होती है, जिनके बारे में सुनकर हारे हुए आदमी को फिर से हिम्मत मिल जाती है

Update: 2021-02-23 14:51 GMT

दुनिया में कई लोगों की कहानियां ऐसी होती है, जिनके बारे में सुनकर हारे हुए आदमी को फिर से हिम्मत मिल जाती है. इन दिनों एक ऐसे ही शख्स की कहानी में लोग खासी दिलचस्पी ले रहे हैं. यशायाह अकोस्टा की संघर्ष भरी दास्तां सुनकर हर किसी को जिंदगी जीने नया नजरिया मिल जाएगा. अकोस्टा अमेरिका के एरिजोना में जब पैदा हुए तो उनके मुंह में जबड़ा नहीं था. वह समय से पहले दो महीने का पैदा हुए थे. ऐसे में डॉक्टर्स ने कहा था कि उनके बचने की गुंजाइश नहीं है.


अब इसके आगे की कहानी यकीनन किसी को भी जिंदगी जीना सिखा देगी. लेकिन उन्होंने डॉक्टर्स की भविष्यवाणी को गलत साबित कर दिया. यशायाह के मुंह पर जॉ लाइन नहीं है. इस बीमारी को अग्न्याथिया कहा जाता है. ये बहुत ही दुर्लभ स्थिति है. उनके निचले जबड़े और श्वासन पथ नहीं है. जिस वजह से वह सांस लेने नहीं ले सकते हैं. नतीजतन उन्हें अपने गले में लगी एक श्वास नलिका के माध्यम से सांस लेना पड़ रहा है. उनके पेट में एक ट्यूब के लगी है और इसी के जरिए वो खाना खा सकते हैं.



यशायाह का बचपन कई मुश्किलों से भरा हुआ रहा. लेकिन उनके माता-पिता हर परस्थिति में उनके साथ खड़े रहे. आपको बता दें कि सांस लेने के लिए वह जिस ट्यूब का इस्तेमाल करते हैं, उसे दिन में कम से कम तीन बार साफ करना पड़ता है और हर हफ्ते में उसे बदलना पड़ता है. तमाम चुनौतियों के बाद भी उनके माता-पिता ने उन्हें स्कूल भेजा क्योंकि वह सुन सकते थे और चीजों को अच्छे से समझ सकते थे.

एक रिपोर्ट के मुताबिक बीते 20 वर्षों में यशायाह की कई सर्जरी हुई हैं. इसको लेकर वो ज्यादातर अस्पताल में ही रहे हैं और जिंदगी से जंग लड़ते आ रहे हैं. उन्होंने फीनिक्स चिल्ड्रन हॉस्पिटल में एक बच्चों के समारोह में भाग लिया. तब वहां उन्होंने बताया कि वो रैपर बनना चाहते हैं. हालांकि यशायाह के पास कृत्रिम जबड़े लगवाने का भी ऑप्शन था पर उन्होंने इससे मना कर दिया, उनका मानना है कि वो जैसे दिखते हैं इसमें वो खुश हैं.


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