8 साल के बच्‍चे को मिला 1800 साल पुराना 'खजाना'

Update: 2023-08-30 17:27 GMT
जरा हटके: कई बार कुछ दुर्लभ चीजें ऐसी जगह मिल जाती हैं कि यकीन करना मुश्क‍िल होता है. जर्मनी से ऐसा ही एक मामला सामने आया है. जहां स्‍कूल में खेल रहे 8 साल के एक बच्‍चे को ऐसा ‘खजाना’ हाथ लगा कि साइंटिस्‍ट भी देखकर चक‍ित रह गए. 1800 साल पुरानी यह चीज इतनी अनोखी है कि अब इसे म्‍यूज‍ियम में रखने की तैयारी की जा रही है. बदले में बच्‍चे को कई पुरस्‍कार दिए जाएंगे.
न्‍यूयॉर्क पोस्‍ट की रिपोर्ट के मुताबिक, बर्जने नाम का यह बच्‍चा एक प्राइमरी स्‍कूल में पढ़ाई करता है. एक दिन वह स्‍कूल के सैंडबॉक्स में खेल रहा था तभी उसे एक काली चीज नजर आई. उसने उठा लिया और पर‍िवार को दिखाने के लिए भागते हुए घर पहुंचा. मम्‍मी-पापा ने देखा तो वे भी पहचान नहीं पाए कि आख‍िर यह क्‍या चीज है. लेकिन बच्‍चे ने जिद की तो उन्‍होंने पुरातत्‍वविदों से संपर्क किया. वे तो देखकर हैरान रह गए. यह बेहद दुर्लभ चांदी का सिक्‍का था. जो 1800 साल पुराना था. पुरातत्‍वविदों ने बताया कि रोमन साम्राज्‍य के शासनकाल में इसे ढाला गया था. सिक्के की पहचान सम्राट मार्कस ऑरेलियस एंटोनिनस के शासनकाल के दौरान ढाले गए रोमन दीनार के रूप में की गई. सम्राट मार्कस ने 161 से 180 ईस्वी तक राज किया था.
राज्य के पुरातत्वविद् उटा हाले ने कहा कि यह सिक्‍का घिसा पिटा लकिन काफी भारी है. इसका वजन वजन 2.4 ग्राम है. रोमन साम्राज्‍य में जब महंगाई चरम पर पहुंच गई थी तो इसे ढाला गया था. इसमें चांदी की मात्रा कुछ कम कर दी गई थी. हाले ने इसे बहुत खास बताया, क्‍योंकि ब्रेमेन जैसी जगह पर मिला यह पहला दीनार हो सकता है. दिलचस्‍प बात यह है कि जर्मनी के कई हिस्‍से रोमन साम्राज्‍य के अधीन थे, लेकिन ब्रेमन कभी भी रोमन शासन के अधीन नहीं रहा. द हिस्‍ट्री ब्‍लॉग के अनुसार, यहां चौसी नाम की एक जनजात‍ि निवास करती थी. जो प्राचीन रोम व्‍यापार‍ियों क साथ कारोबार करती थी. शायद इन्‍हीं लोगों ने सिक्‍के को मिट्टी में दबाया होगा.
अगस्‍त 2022 में मिले इस सिक्‍के की पहचान अब उजागर हुई है. अब इस अनोखी चीज का म्‍यूज‍ियम में रखा जाएगा. ब्रेमेन स्मारक संरक्षण अधिनियम के अनुसार, किसी को भी अगर दुर्लभ चीजें मिलती हैं तो उसे म्‍यूज‍ियम में देना होता है. वह सरकार की वस्‍तु मानी जाती है. इसीलिए बर्जने के पर‍िवार से भी इस बेहद खास सिक्के को ले लिया गया है. म्‍यूज‍ियम ने बच्‍चे की जिज्ञासा की तारीफ की. उसे सम्‍मानित किया जाएगा. पुरस्कार के रूप में उसे दो पुरातत्व पुस्तकें भेंट की जाएंगी और फोके संग्रहालय में एक घर मिलेगा.
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