5000 साल पुरानी व्हेल मछली का मिला कंकाल, वैज्ञानिक भी देखकर रह गए दंग...
जमीन के अंदर हजारों लाखों साल पुरानी कई ऐसे अवशेष दफन हैं जो समय-समय पर खोजकर्ताओं को मिलती रहती है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| जमीन के अंदर हजारों लाखों साल पुरानी कई ऐसे अवशेष दफन हैं जो समय-समय पर खोजकर्ताओं को मिलती रहती है. जमीन के अंदर से ऐसी कई चीजें निकलती है तो हमें आश्चर्य में डाल देती हैं. अभी हाल में थाईलैंड (Thailand) के वैज्ञानिकों को भी कुछ ऐसी ही चीज मिली है.इसे देख कर हर कोई आश्चर्य में है.
हजारों साल पुरानी व्हेल मछली का कंकाल
थाईलैंड में वैज्ञानिकों को हजारों साल पुरानी व्हेल (Whale) मछली का कंकाल (skeleton) मिला है. बताया जा रहा है कि ये कंकाल करीब 3000 हजार से 5000 साल पुराना हो सकता है. थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक (Bangkok) के पास समुद्र तट से साढ़े सात मील की दूर 39 फीट लंबा एक कंकाल मिला है. वैज्ञानिकों द्वारा ब्रायड व्हेल का माना जा रहा है.
थाईलैंड के पानी में ब्रायड व्हेल पाए जाते हैं
गौरतलब है कि थाईलैंड के पानी में ब्रायड व्हेल (Brayed Whale) पाए जाते हैं. ब्रायड व्हेल एक संरक्षित प्रजाति है. दरअसल, यहां व्हेल मछली, मछुआरों और पर्यटन से खतरे में है. तट पे मिली मछली के कंकाल की उम्र का अभी तक पता नहीं चल पाया है. लेकिन इसकी सही उम्र का पता लगाने के लिए इस व्हेल मछली की हड्डियों की कार्बन जांच की जाएगी. वहीं वैज्ञानिकों का कहना है कि ये कंकाल 3,000 से 5,000 साल पुराना हो सकता है.
समुद्र में हुए बदलाव की मिलेगी जानकारी
दूसरी तरफ थाईलैंड के प्राकृतिक संसाधन और पर्यावरण मंत्री वरवुत सिल्पा-अर्च (Varawut Silpa-archa, Minister of Natural Resources and Environment) ने कहा कि जो अवशेष 12 किमी (7.5 मील) दूर अंतर्देशीय क्षेत्र में मिले हैं उनसे वैज्ञानिकों को प्रजातियों के विकास को समझने में मदद मिलेगी. इतना हीं नहीं, इससे हजारों सालों में समुद्र में हुए बदलाव के बारे में भी जानकारी मिल सकेगी.
थाईलैंड के पर्यावरण मंत्री ने शेयर किया फोटो
थाईलैंड के पर्यावरण मंत्री वरवुत सिल्पा-अरचा ने व्हेल मछली के कंकाल की कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया (Social Media) पर शेयर की है. उन्होंने इसकी तस्वीरों को अपने फेसबुक अकाउंट से शेयर किया है. जिसमें व्हेल मछली की हड्डियों को स्पष्ट देख सकते हैं. कंकाल के साथ, शोधकर्ताओं को शार्क के दांत भी मिले हैं. इसकी मदद से वैज्ञानिक उस समय के दौरान मौजूद जैविक समुदायों का पुनर्निर्माण करने के लिए व्हेल के अवशेषों का अध्ययन कर सकते हैं