पहाड़ी राज्यों में भारी बारिश के बाद दिल्ली में यमुना खतरे के निशान से ऊपर
दिल्ली न्यूज़: दिल्ली में यमुना नदी खतरे के निशान 205.33 मीटर से ऊपर बह रही है। राहत की बात है कि जल स्तर शनिवार सुबह 205.99 मीटर तक पहुंचने के बाद देर रात घटकर 205.80 मीटर पर आ गया। दिल्ली सरकार के राजस्व विभाग ने हथिनी कुंड से छोड़े जाने वाले पानी के मद्देनजर अधिकारियों को आईटीओ और ओखला बैराज खोलकर पानी की सुचारू निकासी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। स्थानीय प्रशासन ने संवेदनशील इलाकों से अब तक करीब सात हजार लोगों को निकाला है। सूत्रों ने बताया कि उत्तर-पूर्व जिले में 2000, पूर्वी जिले में 5000 और दक्षिण-पूर्व जिले में 600 लोग यमुना में जल स्तर बढ़ने से प्रभावित हुए हैं।
पहाड़ी राज्यों में भारी बारिश के बाद यमुना शुक्रवार शाम चार बजे 205.33 मीटर के खतरे के निशान को पार कर गई थी, जिसके बाद प्रशासन द्वारा निचले इलाकों से लोगों को निकालने की कार्रवाई की जा रही है। पूर्वी दिल्ली के एसडीएम आमोद बर्थवाल ने कहा कि पूर्वी दिल्ली जिले के निचले इलाकों में रहने वाले 13,000 लोगों में से लगभग 5,000 लोगों को राष्ट्रमंडल खेल गांव, हाथी घाट और रेनीवेल पर बने तंबुओं में ले जाया गया है। यहां रहने के साथ ही भोजन, पानी व अन्य जरूरी सुविधाएं सरकार की ओर से मुहैया करायी जा रही है। उन्होंने कहा कि बाकी लोग सुरक्षित हैं और ऐसा लगता है कि उन्हें अन्य स्थानों पर स्थानांतरित करने की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि जल स्तर गिरने की संभावना है।
करावल नगर के एसडीएम संजय सोंधी ने कहा कि उनके जिले के निचले इलाकों से 200 लोगों को ऊंचे स्थानों पर ले जाया गया है और गैर सरकारी संगठनों की मदद से उन्हें पीने का पानी, भोजन और अन्य आवश्यक चीजें उपलब्ध कराई गई हैं। दिल्ली में बाढ़ की चेतावनी तब घोषित की जाती है, जब हरियाणा के यमुना नगर में हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़े जाने की दर एक लाख क्यूसेक के निशान को पार कर जाती है और तब बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को वहां से निकाल लिया जाता है। दिल्ली में यमुना बाढ़ के मैदानों और निचले इलाकों में रहने वाले लगभग 37,000 लोग बाढ़ की चपेट में माने जाते हैं। उन्होंने कहा कि बाढ़ के मैदानों के निचले इलाकों से निकाले गए लोगों को तंबुओं जैसे अस्थायी ढांचे और सुरक्षित क्षेत्रों में,जैसे स्कूलों के स्थायी भवनों में स्थानांतरित किया जा रहा है। वहीं, तीन जिलों शाहदरा, मध्य और उत्तर में कोई गंभीर खतरा नहीं होने के कारण कोई स्थानांतरण नहीं किया गया है।