नोएडा प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में गलत प्रस्ताव रखा

Update: 2023-09-07 06:29 GMT

नोएडा: नोएडा प्राधिकरण के नियोजन विभाग की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है. एक मामले में उच्चतम न्यायालय ने केंद्रीय सहकारी आवास समिति को सेक्टर-43 में जमीन देने का आदेश दिया, जबकि प्राधिकरण ने इस मामले में जमीन देने के लिए सेक्टर-42 के संशोधित ले आउट प्लान को मंजूरी के लिए बोर्ड बैठक में रख दिया.

अब लापरवाही उजागर होने पर नए सिरे से सेक्टर-43 का ले आउट प्लान तैयार किया जा रहा है. इसको अगली बोर्ड बैठक में मंजूर कराया जाएगा. उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद नियोजन विभाग की ओर से 12 अगस्त 2023 को हुई बोर्ड बैठक में सेक्टर-42 का संशोधित ले आउट प्लान मंजूरी के लिए रखा गया.

इसमें बताया गया कि न्यायालय के आदेश के तहत केंद्रीय कर्मचारी सहकारी गृह निर्माण समिति को भूखंड संख्या-जीएच-01, सेक्टर-42 में 60 हजार वर्ग मीटर जमीन आरक्षित कर दी गई है. इस सेक्टर में 12 और 24 मीटर की चौड़ी सड़कों के प्रावधान के साथ 350 और 450 वर्ग मीटर क्षेत्रफल के बड़े आवासीय भूखंडों को नियोजित किया गया है. बोर्ड बैठक के बाद प्राधिकरण ने प्रेस रिलीज जारी करते हुए बताया कि सेक्टर-42 के संशोधित ले आउट प्लान को मंजूरी की जानकारी दी. अब इस मामले में नियोजन विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है. उच्चतम न्यायालय ने जो आदेश जारी किया था उसमें साफ तौर पर सेक्टर-43 में समिति को जमीन देने को कहा गया है जबकि प्राधिकरण के नियोजन विभाग ने सेक्टर-42 का संशोधित ले आउट प्लान का प्रस्ताव रख दिया गया. इस मामले में नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ सतीश पाल ने नियोजन विभाग की गलती को माना है. उन्होंने बताया कि भूमि की सीमित उपलब्धता को देखते हुए उसका अधिकतम उपयोग का प्रावधान करते हुए सेक्टर-43 का संशोधित ले आउट प्राधिकरण की आगामी बोर्ड बैठक में रखा जाए.

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