29 नवंबर से होगा संसद का शीतकालीन सत्र, जानिए 59 साल में कितना हुआ काम?
कोरोना के कम होते आंकड़ों के बीच दो साल बाद संसद का शीतकालीन सत्र बुलाया गया है।
कोरोना के कम होते आंकड़ों के बीच दो साल बाद संसद का शीतकालीन सत्र बुलाया गया है। 29 नवंबर से संसद की कार्यवाही शुरू हो जाएगी। इसी के साथ एक बार फिर से ये चर्चा भी शुरू हो गई है कि क्या इस बार संसद की कार्यवाही सही ढंग से चल पाएगी? कितना काम होगा? ऐसा इसलिए क्योंकि पिछले कुछ सालों से लगातार संसद की कार्यवाही हंगामों की भेंट चढ़ रहा है। जानिए 59 साल में कब-कब कितना काम हुआ?
लोकसभा और राज्यसभा के सबसे हंगामेदार सत्र
भारतीय संसद के इतिहास में 2010 सबसे बुरा रहा। लोकसभा और राज्यसभा दोनों में 2-जी स्पेक्ट्रम घोटाले को लेकर जमकर हंगामा हुआ। इस साल राज्यसभा में केवल 2% और राज्यसभा में 6% काम हुआ।
2012 का मानसून सत्र भी हंगामे के चलते काफी प्रभावित हुआ। कोयला आवंटन घोटाले को लेकर सांसदों ने सदन नहीं चलने दिया। तब लोकसभा में 21% काम हुआ।
2013 में भी लोकसभा की कार्यवाही में खूब हंगामा हुआ। इस दौरान केवल 15% काम हुआ। तब तेलंगाना के अलग राज्य की मांग को लेकर सांसदों ने सदन को नहीं चलने दिया था।
2015 के मानसून सत्र में मध्य प्रदेश के व्यापम स्कैम और ललित मोदी के प्रकरण को लेकर हंगामा हुआ। राज्यसभा में केवल 9% काम हुआ, जबकि लोकसभा में प्रोडक्टिविटी का रिकॉर्ड 48% रहा।
2016 में सदन की कार्यवाही भी हंगामे की भेंट चढ़ गया। शीतकालीन सत्र में नोटबंदी को लेकर जमकर हंगामा हुआ। इस दौरान केवल 15% काम ही हो पाया।
2018 का बजट सत्र भी हंगामे की भेंट चढ़ गया। तब लोकसभा में केवल 21% ही काम हो पाया, जबकि राज्यसभा में बिल्कुल काम नहीं हुआ।
2019 के बजट सत्र में सीएए और राफेल डील को लेकर हंगामा हुआ। लोकसभा में केवल 7% ही काम हो पाया।
सांसदों पर कब-कब कार्रवाई हुई
2010 : मार्च में राज्यसभा के अंदर महिला आरक्षण बिल पर चर्चा हो रही थी। कुछ सांसदों ने बिल को फाड़कर सदन में फेंक दिया। सभापति ने मार्शल बुलाकर सात सांसदों को सदन से बाहर करवाया। पूरे सत्र के लिए इन सांसदों को सस्पेंड कर दिया गया। इनमें आरजेडी के सुभाष यादव, कमाल अख्तर, वीरपाल सिंह यादव, नंद किशोर यादव, सपा के आमिर आलम खान, लोक जनशक्ति पार्टी के साबिर अली, जेडयू के एजाज अली शामिल थे।
2013 : तेलंगाना राज्य का विरोध कर रहे आंध्र प्रदेश के नौ सांसदों को निलंबित कर दिया गया। इसी सत्र में 12 अन्य सांसदों को भी तेलंगाना राज्य का विरोध करने पर सस्पेंड किया गया।
2014 : लोकसभा में आंध्रप्रदेश के मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ। कांग्रेस के सांसद एल राजगोपाल ने सदन के महासचिव के टेबल पर कांच के ग्लास फेंक दिए। इसमें तीन सांसद घायल हो गए। तेलंगाना राज्य का विरोध कर रहे 16 सांसदों को पूरे सत्र के लिए सस्पेंड कर दिया गया।
2019 : आंध्र प्रदेश के लिए विशेष राज्य के दर्जा की मांग कर रहे टीडीपी और एआईएडीएमके के सांसद लगातार हंगामा कर रहे थे। इसपर लोकसभा अध्यक्ष ने 45 सांसदों को एक दिन के लिए सस्पेंड कर दिया।
2020 : कृषि कानून को लेकर विरोध कर रहे कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और टीएमसी के सांसदों ने हंगामा किया। कांग्रेस के राजीव स्टेव और आप के संजय सिंह महासचिव के टेबल पर चढ़ गए। एक हफ्ते के लिए आठ सांसदों को सदन की कार्यवाही से निलंबित कर दिया गया।
2021 : मानसून सत्र के दौरान विपक्ष के नेताओं ने काफी हंगामा किया। लोकसभा अध्यक्ष ने मार्शल बुलाकर हंगामा कर रहे सांसदों को बाहर करवाया। तृणमूल कांग्रेस के छह सांसदों को एक दिन के लिए सदन से सस्पेंड कर दिया गया।
लोकसभा में कब-कब कितना काम हुआ?
वर्ष कितना काम हुआ?
1962-66 107%
1967-70 108%
1971-76 110%
1977-79 109%
1980-84 120%
1985-89 111%
1989-91 115%
1991-96 98%
1996-97 115%
1998-99 109%
1999-2004 91%
2004-09 87%
2010 02%
2011 63%
2012 21%
2013 15%
2014 98%
2015 48%
2016 15%
2017 78%
2018 46%
2019 111%
2020 शीतकालीन सत्र नहीं हुआ
2021 29 नवंबर से प्रस्तावित
सोर्स : PRS