पी एम मोदी क्यों कर रहे एकतरफा लड़ाई का दावा, क्या बंगाल में कमाल कर पाएंगे बी जे पी
नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव अपने आखिरी चरण में पहुंच चुका है। राजनीतिक दृष्टिकोण से देखें तो पश्चिम बंगाल बेहद ही अहम राज्य होता है। पश्चिम बंगाल में 42 लोकसभा की सीटे हैं जहां भाजपा और तृणमूल कांग्रेस आमने-सामने है। हालांकि कुछ सीटों पर कांग्रेस और वाम दलों का भी दबदबा देखने को मिल रहा है। लेकिन कहीं ना कहीं भाजपा इस बार के चुनाव में पश्चिम बंगाल से काफी उम्मीदें कर रही है। यही कारण है कि भाजपा के तमाम नेता पश्चिम बंगाल में चुनावी लड़ाई को एकतरफा बता रहे हैं और दावा कर रहे हैं की पार्टी 30 के आसपास सीटों पर जीत हासिल करेगी। आज खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस बात की पुष्टि कर दी। लेकिन बड़ा सवाल यही है कि आखिर भाजपा पश्चिम बंगाल में कितना कमाल कर पाएगी?
मोदी का विश्वास
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बंगाल चुनाव में टीएमसी पार्टी अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है। पिछले विधानसभा चुनाव में हम 3 थे और बंगाल की जनता ने हमें 80 (सीटों) पर पहुंचाया, पिछले लोकसभा चुनाव में हमें भारी बहुमत मिला। इस बार भारत में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला राज्य पश्चिम बंगाल रहने वाला है। उन्होंने कहा कि बीजेपी को सबसे ज्यादा सफलता पश्चिम बंगाल में मिल रही है। पश्चिम बंगाल का चुनाव एकतरफा है, लोग इसका नेतृत्व कर रहे हैं और उसके कारण सरकार में बैठे लोग, टीएमसी के लोग हताश हैं। उ्नहोंने कहा कि चुनाव से पहले भाजपा कार्यकर्ताओं को जेलों में डाला जा रहा है। इन तमाम अत्याचारों के बावजूद ज्यादा लोग वोट कर रहे हैं और वोटों की संख्या भी बढ़ रही है।
ममता का पक्ष
मोदी को 'कार्यवाहक प्रधानमंत्री' बताते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि भाजपा तीसरी बार सत्ता में नहीं लौटेगी और इंडिया गठबंधन केंद्र में सरकार बनाएगी। ममता ने कहा, ‘‘मोदीजी को चुनाव प्रचार करने का पूरा हक है। उन्हें यहां आने और चुनावी रैलियां करने का पूरा अधिकार है। लेकिन मैं यह देखकर आश्चर्यचकित हूं कि उन्हें उनकी पार्टी (भाजपा) के चुनावी विज्ञापनों में प्रधानमंत्री कहा जा रहा है।’’ तृणमूल प्रमुख ने भाजपा पर वोट हासिल करने के लिए समुदायों के बीच दरार पैदा करने का आरोप लगाया और इसे एक ‘‘खतरनाक खेल’’ करार दिया। उन्होंने कहा, ‘‘मैं सभी समुदायों के लोगों से प्यार करती हूं। मैं मारवाड़ी, बिहारी और अन्य से प्यार करती हूं, जो साथ मिलकर पश्चिम बंगाल का खूबसूरत ताना-बाना बनाते हैं।’’ ममता बनर्जी ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सरकार को उखाड़ फेंकने की उसकी (भाजपा की) आकांक्षा अधूरी रहेगी।
जीत का भरोसा क्यों?
भाजपा ने इस बार का चुनाव पश्चिम बंगाल में राज्य के अस्मिता को लेकर लड़ा है। महिलाओं को साधने की कोशिश की है। संदेशखाली की घटना को जबरदस्त तरीके से सियासी रंग भी देने की कोशिश हुई है। इसके अलावा भाजपा को इस बात का भरोसा है कि राज्य के लोग ममता बनर्जी से अब नाराज होते दिखाई दे रहे हैं। भाजपा का मानना है कि राज्य में अवैध घुसपैठ की वजह से यहां के स्थानीय निवासी में नाराजगी है। इसके अलावा पार्टी की ओर से राज्य में ध्रुवीकरण की भी कोशिश की गई है। पार्टी की ओर से बार-बार कहा गया कि सीएए लागू कर दिया गया है जिसका फायदा बंगाल में रह रहे कई समुदायों को हो सकता है। बंगाल में भाजपा ने अपनी पूरी ताकत भी लगाई है। 2019 के चुनाव में पश्चिम बंगाल में भाजपा ने 18 सीटों पर जीत हासिल की थी। इस बार पार्टी का दावा है कि इन आंकड़ों में वृद्धि होगी।