उपराष्ट्रपति नायडू ने कल बुलाई सर्वदलीय बैठक, विपक्ष ने तैयार की रणनीति

संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से शुरू हो रहा है।

Update: 2021-11-27 18:00 GMT

नई दिल्ली,  संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से शुरू हो रहा है। राज्यसभा के सभापति व उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने संसद के शीतकालनी सत्र से पहले रविवार को विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं की एक अहम बैठक बुलाई है। सत्र के सुचारू पूर्वक संचालन पर चर्चा के लिए रविवार शाम उच्च सदन में सर्वदलीय नेताओं की यह बैठक है। साथ ही संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने भी आगामी शीतकालीन सत्र और महत्वपूर्ण कार्यों के एजेंडे पर चर्चा करने के लिए रविवार को संसद में एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है।

माना जा रहा है कि इस बार का शीतकालीन सत्र काफी हंगामेदार होने वाला है। वहीं, विपक्षी नेताओं ने संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने से एक घंटे पहले सोमवार को संसद में बैठक करने की योजना बनाई है। दोनों सदनों में 'तीन कृषि कानूनों पर केंद्र सरकार की विफलता' और बढ़ती महंगाई को उजागर करने की रणनीति को लेकर यह बैठक की जाएगी।
समाचार एजेंसी एएनआइ से बात करते हुए कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता और सांसद ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, 'हमारी रणनीति पूरे विपक्ष और समान विचारधारा वाले दलों द्वारा संसद में 'एक आवाज' में बोलना है और आम आदमी से जुड़े मुद्दों को उठाना है। वहां (संसद) मतभेद नहीं होना चाहिए क्योंकि केंद्र सरकार की विफलता के कारण इन दिनों आम लोगों को बहुत कुछ झेलना पड़ रहा है।
'चर्चा के लिए सरकार पर इन मुद्दों पर दबाव बनाएगा विपक्ष
एक अन्य विपक्षी नेता व राज्यसभा सांसद ने कहा, 'हम कृषि कानूनों को निरस्त करने के मोदी सरकार के फैसले का स्वागत करते हैं। लेकिन हम विपक्षी नेता सरकार पर कृषि कानूनों को निरस्त करने के विधेयक 2021 पर चर्चा करने के लिए दबाव डालने की कोशिश करेंगे। हम इस बात पर प्रकाश डालेंगे कि पिछले एक साल के दौरान आंदोलनकारी किसानों को क्या सामना करना पड़ा और कैसे हो सकता है सरकार किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार करे।'विपक्षी सांसद ने आगे कहा कि हम विपक्षी नेता न केवल कृषि कानूनों को निरस्त करने वाले विधेयक 2021 पर चर्चा करना चाहते हैं, बल्कि चीनी आक्रामकता, आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि, बेरोजगारी और लखीमपुर खीरी की घटना पर भी चर्चा करना चाहते हैं। लखीमपुर घटना में आठ लोग मारे गए थे और उम्मीद कर रहे हैं कि मोदी सरकार विपक्षी दलों द्वारा उठाए गए सभी सवालों का जवाब देगी।
Tags:    

Similar News