नयी दिल्ली, राज्यसभा (Rajya Sabha) के सभापति जगदीप धनखड़ (Chairman Jagdeep Dhankhar) ने सदन को पवित्र मंच करार देते हुए आज कहा कि सदस्यों को यहां तथ्यों के साथ सही वक्तव्य रखने चाहिए और वह जो कह रहे हैं उसकी जिम्मेदारी लेते हुए जरूरत पड़ने पर उसे सत्यापित करते हुए पटल पर भी रखना चाहिए। श्री धनखड़ ने सोमवार को शून्यकाल के दौरान आम आदमी पार्टी के संजय सिंह के केन्द्र सरकार (central government) द्वारा केन्द्रीय जांच एजेन्सियों के दुरूपयोग का मामला उठाये जाने पर यह बात कही। सभापति ने कहा कि यह सदन बेहद पवित्र मंच है और सदस्यों काे यहां कही जाने वाले बातों की वैधता की जिम्मेदारी लेते हुए इन्हें सत्यापित करते हुए जरूरत पड़ने पर सदन के पटल पर रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि सदस्यों को कोई भी बात केवल मीडिया की रिपोर्ट या अन्य स्रोतों के आधार पर नहीं कहनी चाहिए। सभापति ने कहा कि वह इस बारे में विभिन्न पार्टियों के सदन में नेताओं के साथ बैठक करेंगे। राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि यह बात सही है लेकिन ज्यादातर मामलों में सदस्य सदन में पूछे गये सवालों के जवाबों या मीडिया के लेख और प्रधानमंत्री के भाषणों में कही गयी बातों का ही हवाला देते हैं। सदन के नेता पीयूष गोयल ने कहा कि सदस्यों को अपने बयानों में बिना सोचे समझे दावे नहीं करने चाहिए और खोखले दावों से बचते हुए सही बयानी करनी चाहिए जिससे कि वे अपनी बात को जरूरत पड़ने पर सही सिद्ध कर सकें। उन्होंने कहा कि सदन में यह परंपरा बन गयी है कि सदस्य बिना सोचे समझे कोई भी बात कह देते हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी कानून निर्वाचित प्रतिनिधियों को संरक्षण प्रदान नहीं करता।
Source : Uni India
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