वसुंधरा राजे सिंधिया ने की निर्मला सीतारमण से मुलाकात

Update: 2023-08-14 17:09 GMT
 
नई दिल्ली (आईएएनएस)। राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस और भाजपा में राजनीतिक घमासान तेज होता जा रहा है। भाजपा की तरफ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं लगातार प्रदेश का दौरा कर राज्य की अशोक गहलोत सरकार पर निशाना साध रहे हैं, वहीं प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राज्य के भाजपा नेताओं के साथ-साथ अब सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी हमला करने लग गए हैं।
हालांकि, राजस्थान के रण में उतरने की तैयारी कर रही भाजपा अभी तक अपने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया की भूमिका को लेकर अंतिम फैसला नहीं कर पाई है।
इस बीच वसुंधरा राजे सिंधिया ने सोमवार को दिल्ली में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से भी मुलाकात की है।
दोनों नेताओं की मुलाकात के दौरान वसुंधरा राजे सिंधिया के बेटे और राजस्थान से लोकसभा सांसद दुष्यंत सिंह भी मौजूद रहे।
दरअसल, भाजपा आलाकमान पिछले कुछ वर्षों से देश के हर राज्य में पार्टी के भविष्य को ध्यान में रखते हुए एक नया और युवा नेतृत्व विकसित करने के अभियान पर जुटा हुआ है।
गुजरात, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश जैसे कई राज्यों में पार्टी को कामयाबी मिली है। अभी भी मध्य प्रदेश, कर्नाटक और राजस्थान जैसे कई राज्य है, जहां पार्टी को अनुभव और युवा चेहरे के बीच तालमेल बनाकर चलना पड़ रहा है।
राजस्थान के राजनीतिक गणित को देखते हुए और पार्टी को कई तरफ से मिले फीडबैक के मद्देनजर आलाकमान पहले ही फैसला कर चुका है कि भाजपा प्रधानमंत्री मोदी के चेहरे पर सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ेगी यानी पार्टी प्रदेश में मुख्यमंत्री उम्मीदवार की घोषणा किए बिना ही चुनाव लड़ेगी।
हालांकि, पार्टी द्वारा यह फैसला कर लिए जाने के बाद अब वसुंधरा समर्थक उन्हें चुनाव प्रचार अभियान समिति की कमान सौंपने की मांग कर रहे हैं। वसुंधरा राजे सिंधिया स्वयं भी लगातार पार्टी के आला नेताओं से मुलाकात कर रही हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हाल ही राजस्थान एनडीए सांसदों के साथ मुलाकात के दौरान सांसद नहीं होने के बावजूद वसुंधरा राजे सिंधिया के बैठक में मौजूद रहने और जेपी नड्डा एवं बीएल संतोष द्वारा कई बार राजस्थान भाजपा के नेताओं को वसुंधरा राजे सिंधिया को पूरी तवज्जों देने की नसीहत देकर भाजपा आलाकमान यह स्पष्ट करता रहता है कि वसुंधरा राजे पार्टी की अहम नेता हैं।
हालांकि, इसके बावजूद पार्टी आलाकमान ने न तो अभी तक वसुंधरा गुट की बात मानी है और न ही चुनावों में उनकी भूमिका को लेकर कोई स्पष्ट ऐलान किया है।
दरअसल, पार्टी आलाकमान वसुंधरा राजे की भूमिका को लेकर अभी स्वयं ही दुविधा में है। पार्टी को इस बात का अहसास बखूबी है कि वसुंधरा को अलग-थलग करके राज्य में चुनाव नहीं जीता जा सकता।
लेकिन, अगर उन्हें नेतृत्वकारी भूमिका दी जाती है तो पार्टी में युवा और नया नेतृत्व करने की मंशा को बड़ा झटका लग सकता है क्योंकि पार्टी के संकेतों को समझकर कई नेता वसुंधरा राजे के विरोध में इतना आगे बढ़ चुके हैं कि उनके लिए लौटना बहुत मुश्किल है।
इस बीच अपनी छवि के विपरीत जाकर वसुंधरा राजे सिंधिया लगातार दिल्ली में पार्टी के बड़े नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों से भी मुलाकात कर रही है।
भाजपा सूत्रों की माने तो, पार्टी आलाकमान जल्द ही राजस्थान को लेकर कोई बड़ा ऐलान कर सकता है।
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