नई दिल्ली (आईएएनएस)। चुनाव आयोग द्वारा सोमवार को विधान सभा चुनाव की तारीखों की घोषणा होने के कुछ ही घंटों बाद भाजपा ने राजस्थान को लेकर अपने 41 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी। पार्टी ने अपनी पहली सूची में पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़, दीया कुमारी, बाबा बालकनाथ, नरेंद्र कुमार, किरोड़ी लाल मीणा, भागीरथ चौधरी और देवजी पटेल सहित अपने 7 सांसदों को विधान सभा चुनाव के मैदान में उतार दिया।
लेकिन, भाजपा की पहली सूची में वसुंधरा राजे सिंधिया का नाम शामिल नहीं होने ने राजनीति में कई सवाल खड़े कर दिए।
दरअसल, यह बात सच है कि भाजपा राजस्थान के चुनाव को गहलोत बनाम वसुंधरा का चुनाव बनने नहीं देना चाहती है इसलिए राज्य में भाजपा के जनाधार को मजबूत करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं मोर्चा संभाल रखा है।
भाजपा इस चुनाव को मोदी बनाम गहलोत के चुनाव में बदलना चाहती है। यहां तक कि राजस्थान से ताल्लुक रखने वाले कई नेता, पार्टी की इसी रणनीति का हवाला देकर वसुंधरा राजे सिंधिया को राष्ट्रीय राजनीति में ले जाने की सलाह आलाकमान को देते रहे हैं।
राष्ट्रीय राजनीति में जाने का सीधा तात्पर्य है कि वसुंधरा विधान सभा का चुनाव न लड़ पाए। लेकिन, भाजपा के सूत्र यह बता रहे हैं कि पार्टी ने भले ही वसुंधरा की भूमिका स्पष्ट न की हो। लेकिन, विधायक का चुनाव लड़ने या नहीं लड़ने का फैसला उन पर छोड़ दिया है। ऐसे में माना जा रहा है राजस्थान उम्मीदवारों को लेकर भाजपा की आने वाली सूचियों में वसुंधरा राजे सिंधिया का नाम होना तय है।
आपको बता दें कि, भाजपा की वर्तमान राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया प्रदेश की झालरापाटन विधान सभा से 2003, 2008, 2013 और 2018 में लगातार चार बार चुनाव जीत चुकी हैं।