Uniform Civil Code: दिल्ली हाईकोर्ट में समान नागरिक संहिता के मुद्दे पर संबंधित मामले ट्रांसफर करने की अपील

उच्चतम न्यायालय में तीन याचिकाएं दायर कर दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) में समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) के मुद्दे पर लंबित याचिकाओं को शीर्ष अदालत में स्थानांतरित करने का आग्रह किया गया है.

Update: 2022-01-15 17:38 GMT

उच्चतम न्यायालय में तीन याचिकाएं दायर कर दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) में समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) के मुद्दे पर लंबित याचिकाओं को शीर्ष अदालत में स्थानांतरित करने का आग्रह किया गया है. स्थानांतरण याचिकाएं अंबर जैदी, निघत अब्बास और दानिश इकबाल द्वारा दायर की गई हैं, जिनकी समान नागरिक संहिता को लागू करने का आग्रह करने वाली अलग-अलग याचिकाएं दिल्ली उच्च न्यायालय में लंबित हैं.

दलीलों में कहा गया है कि हालांकि उच्च न्यायालय ने 20 मार्च, 2020 को समान नागरिक संहिता के मुद्दे पर दायर जनहित याचिकाओं पर कई केंद्रीय मंत्रालयों को नोटिस जारी किया था, लेकिन उसके बाद कोई पर्याप्त सुनवाई नहीं हुई. उन्होंने कहा कि चूंकि याचिकाओं में "बहुत महत्वपूर्ण संवैधानिक मुद्दे" शामिल हैं, इसलिए इन्हें अंतिम निपटारे के लिए शीर्ष अदालत में स्थानांतरित करना उचित होगा.
क्या है समान नागरिक संहिता
समान नागरिक संहिता यानी यूनिफॉर्म सिविल कोड का अर्थ होता है भारत में रहने वाले हर नागरिक के लिए एक समान कानून होना, चाहे वह किसी भी धर्म या जाति का क्यों न हो? समान नागरिक संहिता में शादी, तलाक और... जमीन-जायदाद के बंटवारे सहित गोद लेने में सभी धर्मों के लिए एक ही कानून लागू होगा. यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होने से हर मजहब के लिए एक जैसा कानून आ जाएगा. जैसे हिंदुओं को दो पत्नियां रखने की इजाजत नहीं वैसे मुस्लिमों को भी चार शादियों की इजाजत नहीं मिलेगी.


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