नोएडा/दादरी: दादरी विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी राजकुमार भाटी विधानसभा का चुनाव क्यों और कैसे हारे ? इस मुददे पर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है। विभिन्न सामाजिक मुददों को लेकर सोशल मीडिया पर चर्चित रहने वाले महेश चौधरी के एक टि्वट ने इस बहस को जन्म दिया है।
सब जानते हैं कि उत्तर प्रदेश में विधानसभा के चुनाव हुए 1 वर्ष बीत चुका है। तमाम नेता, पार्टियां व प्रत्याशी अपने-अपने ढंग से अपनी-अपनी हार-जीत के विश्लेषण करके दूसरे कार्यों में व्यस्त हो चुके हैं। इस बीच सोशल मीडिया पर अचानक दादरी विधानसभा क्षेत्र के चुनाव की चर्चा चल पड़ी है। यह चर्चा सामाजिक कार्यकर्ता महेश चौधरी के एक टिवट से शुरू हुई है।
पसंद किया जा रहा है ट्विट: इस टि्वट में महेश चौधरी लिखते हैं कि स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार की गारंटी का वादा समाजवादी पार्टी व राष्ट्रीय लोकदल के संयुक्त प्रत्याशी राजकुमार भाटी जी की हार का कारण बन गया। वे आगे लिखते हैं कि पूंजीवादी ताकतों ने रोजगार गारंटी की घोषणा से घबराकर राजकुमार भाटी को हराने के लिए 100 करोड़ रूपये खर्च किए। महेश चौधरी के इस टि्वट पर धड़ाधड़ कमेंटस आने शुरू हो गए। अधिकतर यूजर्स ने महेश चौधरी की बात का समर्थन करते हुए लिखा कि पूंजीवादी ताकतें हमेशा ही सच्चे और अच्छे नेताओं से डरती हैं। इसी प्रकार के ढ़ेर सारे कमेंटस सोशल मीडिया पर किए जा रहे हैं। महेश चौधरी के इस टि्वट पर राजकुमार भाटी ने एक लाइन का टि्वट किया है। उन्होंने लिखा है- क्या यह खबर सही है ??? उनके इस टि्वट को अब तक 12 हजार से अधिक लोग देख, पसंद व री-टि्वट कर चुके हैं।
बेरोजगारी को चुनाव में बनाया था मुद्दा:
आपको बता दें कि विधानसभा चुनाव के दौरान दादरी विधानसभा क्षेत्र से सपा व रालोद के संयुक्त प्रत्याशी राजकुमार भाटी ने बेरोजगारी को सबसे बड़ा मुददा बनाया था। उन्होंने बार-बार घोषणा की थी कि ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में स्थित सभी उद्योगों में सबसे पहले स्थानीय युवाओं को रोजगार दिलाया जाएगा। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी घोषणा की थी कि क्षेत्र में स्थानीय युवकों को रोजगार न देने वाली फैक्ट्रियों के बोर्ड उखाड़ दिए जाएंगे।
उनका कहना था कि कुछ उद्योगों ने अपनी फैक्ट्रियों के बाहर बोर्ड पर यह लिख रखा है कि 100 किलोमीटर दूर रहने वालों को ही नौकरी दी जाएगी। श्री भाटी के द्वारा उठाया गया मुददा चुनाव में खूब “पापुलर” हुआ था। किन्तु तमाम प्रयासों के बावजूद राजकुमार भाटी भाजपा के विधायक तेजपाल नागर से चुनाव हार गए थे। चुनाव के 1 वर्ष बाद अब यह मुद्दा एक बार फिर सोशल मीडिया की सुर्खियां बन गया है।