तुस्याना भूमि घोटाला दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे उत्तर प्रदेश में बना चर्चा का विषय
एनसीआर नॉएडा न्यूज़: तुस्याना भूमि घोटाला गरमाने लगा है। गौतमबुद्ध नगर पुलिस की तफ्तीश तेजी से आगे बढ रही है। यह मामला गौतमबुद्ध नगर समेत दिल्ली-एनसीआर और पूरे उत्तर प्रदेश में चर्चाओं का विषय बन गया है। तुस्याना भूमि घोटाले में कैलाश भाटी तो केवल एक पात्र है। असल मे घोटाला करने वाले तो गौतमबुद्ध नगर के कई बडे सफेदपोश नेता, एक सामाजिक संगठन का पूर्व जिलाध्यक्ष और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के कई अधिकारी हैं। एसआईटी और खुफिया जांच जैसे-जैसे आगे बढती जा रही है, इनके नाम सामने आ रहे हैं। पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक घोटाले की पटकथा दादरी में सफेदपोश नेता के घर लिखी गई थी। घोटाले का असली मास्टरमाइंड राजेन्द्र मकोडा सफेदपोश नेता का क्लासमेट रहा है।
राजेन्द्र मकोड़ा ने नेताजी को समझाया पूरा प्लान: मिली जानकारी के मुताबिक राजेंद्र मकोडा ने सफेदपोश नेता के सामने ग्रेटर नोएडा के तुस्याना गांव में जमीन का मुआवजा उठाने की पेशकश की। जिसमें सफेदपोश नेता ने अपने रिश्ते में लगने वाले भतीजे और अपने करीबी अथॉरिटी के पूर्व महाप्रबंधक को शामिल करने की प्रस्ताव रखा। यहीं से तुस्याना भूमि घोटाले की शुरूआत हो गई थी। सफेदपोश नेता का भतीजा और अथॉरिटी का पूर्व जीएम बहती गंगा में हाथ धो गए। दूसरी ओर राजेन्द्र मकोड़ा ने अपनी सुरक्षा के लिए यह पावरफुल गैंग खड़ा कर लिया। पुलिस की जांच में सफेदपोश नेता के भतीजे का नाम सामने आया है।
एमएलसी के भाई के बाद सफेदपोश के भतीजे की बारी: एमएलसी के भाई की गिरफ्तारी के बाद अब पुलिस नेताजी के भतीजे को धर दबोचने की तैयारी कर रही है। वहीं, ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के पूर्व जीएम रहे रविंद्र टोंगड के खिलाफ 'सच सेवा समिति ट्रस्ट' की ओर से रिपोर्ट दर्ज कराई जा चुकी है। वह जिला अदालत से एंटीसिपेटरी बेल पर हैं। पूर्व महाप्रबंधक के खिलाफ पुलिस चार्जशीट अदालत में दाखिल कर रही है। वहीं, इस खेल में एक सामाजिक संगठन के जिलाध्यक्ष का नाम सामने आया है। पूर्व जिलाध्यक्ष के नाम तुस्याना मामले में सालों पूर्व बिसरख थाने में रिपोर्ट दर्ज हो चुकी है लेकिन पुलिस मामले को दबाए बैठी रही। अब पुलिस की जांच में यह मामला सामने खुलकर आ गया है।