दिल्ली में मियाद पूरी कर चुके डीजल-पेट्रोल वाहनों की संख्या करीब 20-25 लाख है। विभाग ने विशेष अभियान के तहत कार्रवाई के लिए 82 टीमें बनाई हैं। टीम की नजर दिल्ली के सभी क्षेत्रों में कबाड़ वाहनों पर पैनी निगाह रहेगी।
मियाद पूरी कर चुके वाहनों को परिवहन विभाग जब्त कर स्क्रैप करेगा। प्रतिबंध के बावजूद सड़कों पर चल रहे 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों पर सख्ती की जाएगी। गलियों, घर के आसपास या पार्किंग में भी लंबे समय से रखे गए वाहनों पर भी बाद में कार्रवाई की जाएगी।
दिल्ली में मियाद पूरी कर चुके डीजल-पेट्रोल वाहनों की संख्या करीब 20-25 लाख है। विभाग ने विशेष अभियान के तहत कार्रवाई के लिए 82 टीमें बनाई हैं। टीम की नजर दिल्ली के सभी क्षेत्रों में कबाड़ वाहनों पर पैनी निगाह रहेगी।
पुराने वाहनों से होने वाले प्रदूषण पर शिकंजा कसने के लिए विभाग की ओर से यह कार्रवाई की जा रही है। परिवहन विभाग के एक आला अधिकारी ने बताया कि एक सितंबर से विशेष अभियान शुरू किया जाएगा। वाहनों को स्क्रैप करने के लिए दिल्ली में करीब 10 अधिकृत एजेंसियां हैं।
स्क्रैप के बाद जारी किए जाते हैं प्रमाण पत्र
पंद्रह साल पुराने डीजल और 10 साल पुराने पेट्रोल वाहनों की मियाद पूरी होने पर उनका पंजीकरण रद्द कर दिया जाता है। इसके बाद वाहनों को सड़क पर उतरने की इजाजत नहीं है। इन वाहनों को अधिकृत एजेंसी से स्क्रैप करवाने के बाद प्रमाण पत्र भी दिया जाता है। इससे वाहन मालिकों को अपने कबाड़ वाहनों का गलत उपयोग किए जाने की भी चिंता नहीं रहती है। साथ ही इस प्रमाण पत्र के आधार पर नए वाहन खरीदने पर भी छूट का प्रावधान है।
बढ़ेगा वाहनों का स्क्रैप कारोबार
दिल्ली के स्क्रैप कंपनी के मालिक ने बताया कि फिलहाल स्क्रैप करने के लिए पहुंचने वाले वाहनों की संख्या कम है। अभियान शुरू होने पर प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को जब्त करने के बाद स्क्रैप किया जाएगा। इससे दिल्ली में वाहनों से होने वाला प्रदूषण कम होगा और कारोबार में भी बढ़ोतरी होने की उम्मीद है।
न्यूज़क्रेडिट:अमरउजाला