एम्स में शीर्ष चिकित्सा संस्थान इसीआरपी-II के तहत उपलब्ध धन का कर सकेंगे उपयोग
दिल्ली खबर
नई दिल्ली, देश में 90,000 से अधिक कोरोना मामलों के आने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने एम्स दिल्ली, पीजीआइएमइआर चंडीगढ़, जिपमर पुडुचेरी और अन्य एम्स संस्थानों के निदेशक को आपातकालीन प्रतिक्रिया और स्वास्थ्य प्रणाली तैयारी पैकेज चरण- 2 (इसीआरपी-2) के तहत उपलब्ध धन का उपयोग करने के लिए कहा है। मंत्रालय ने यह भी कहा कि सहायता अनुदान का उपयोग "कोरोना मामलों की संख्या में अचानक वृद्धि" के मामले में कमी से बचने के लिए परीक्षण किट की आपूर्ति को बनाए रखने के लिए किया जाए। मंत्रालय ने कहा कि कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर, संस्थानों ने मामलों में किसी भी संभावित उछाल के लिए अधिकतम तैयारी सुनिश्चित करने के लिए अस्पताल के बिस्तरों को फिर से तैयार करने का अभ्यास शुरू हो जाना चाहिए।
पूर्ण व्यवस्था करने के निर्देश
पत्र में आगे कहा गया है कि संस्थानों को मामलों की संख्या में वृद्धि के मामले में आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए "आपूर्ति के सुरक्षित स्रोत" के लिए अपनी व्यवस्था अभी से करनी चाहिए। मामलों की संख्या में अचानक वृद्धि के मामले में, किसी भी स्टॉक की कमी से बचने के लिए पर्याप्त आपूर्ति में आरटीपीसीआर और रैपिड एंटीजन टेस्ट किट की खरीद की जाए। मंत्रालय ने आगे कहा कि सभी संस्थानों को कोरोना को सही से मैनेज करने के लिए समय पर जरूरी कदम जल्द से जल्द उठाने चाहिए।
धन की और आवश्यकता पड़ने पर करें सूचित
इसीआरपी-2 के तहत संस्थानों को उपलब्ध कराई गई धनराशि और अनुदान-सहायता इन सब आवश्यक आपूर्ति के लिए उपयोग किया जा सकता है। मंत्रालय ने यह भी कहा कि इसीआरपी के तहत धन की और आवश्यकता पड़ने पर पहले से जारी धन के उपयोग प्रमाण पत्र के साथ सूचित किया जा सकता है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार भारत ने अब तक कोरोना के ओमाइक्रोन वैरिएंट के 3,007 मामले दर्ज किए हैं।