दिल्ली में टमाटर की कीमत 35-40/ किलोग्राम पर पहुंचीं, हुआ सस्ता

दिल्ली में टमाटर खरीदना सस्ता हो गया है. देश की राजधानी में टमाटर की कीमतें घट गई हैं. ANI के मुताबिक, ओखला होलसेल सब्जी मंडी में टमाटर के एक विक्रेता ने कहा कि रेट घटकर 35 रुपये प्रति किलोग्राम से 40 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गए हैं.

Update: 2021-11-27 05:54 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। दिल्ली में टमाटर खरीदना सस्ता हो गया है. देश की राजधानी में टमाटर की कीमतें घट गई हैं. ANI के मुताबिक, ओखला होलसेल सब्जी मंडी में टमाटर के एक विक्रेता ने कहा कि कीमतें भारत के बहुत से हिस्सों में भारी बारिश और आयातित टमाटर की अपर्याप्त मात्रा की वजह से बढ़ गई थीं. उन्होंने बताया कि सप्लाई के सामान्य स्तर पर लौटने के साथ, रेट घटकर 35 रुपये प्रति किलोग्राम से 40 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गए हैं.

देशभर में टमाटर की बढ़ती कीमतों से लोग परेशन हैं. राजधानी दिल्ली में टमाटर की कीमतें इस हफ्ते 60 से 100 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई थीं. वहीं, कुछ दक्षिण भारत के राज्यों में भारी बारिश की वजह से इसकी कीमतें 150 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई हैं. आजादपुर APMC की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक, मंडी में टमाटर की थोक कीमतें वर्तमान में न्यूनतम 20 रुपये प्रति किलोग्राम और 56 रुपये प्रति किलोग्राम है.
सरकार ने दिसंबर से सस्ता होने की कही थी बात
इससे पहले सरकार ने शुक्रवार को कहा था कि देश के उत्तरी राज्यों से टमाटर की नई फसल की आवक के साथ दिसंबर से इसके भाव नरम पड़ने की उम्मीद है. टमाटर का अखिल भारतीय औसत खुदरा मूल्य बेमौसम बारिश की वजह से पिछले साल के मुकाबले 63 फीसदी बढ़कर 67 रुपए प्रति किलो होने के बाद सरकार का यह बयान आया है.
वहीं, प्याज के मामले में खुदरा कीमतें साल 2020 और साल 2019 के स्तर से काफी नीचे आ गई हैं. खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने कहा कि देश के उत्तरी राज्यों से टमाटर की आवक दिसंबर की शुरुआत से ही शुरू हो जाएगी. इससे उपलब्धता बढ़ेगी और कीमतों में गिरावट आएगी. दिसंबर में आवक पिछले साल के बराबर रहने की उम्मीद है.
बेमौसम बारिश से बढ़ी कीमतें
इस साल नवंबर में आवक 19.62 लाख टन थी, जो एक साल पहले की समान अवधि में 21.32 लाख टन थी. टमाटर की कीमतों में बढ़ोतरी के कारणों के बारे में बताते हुए, मंत्रालय ने कहा कि पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में बेमौसम बारिश के कारण सितंबर के अंत से टमाटर की खुदरा कीमतें बढ़ी हैं. बारिश की वजह से टमाटर की फसल को नुकसान हुआ और इन राज्यों से आने में देरी हुई.
दूसरी तरफ, क्रिसिल रिसर्च ने शुक्रवार को कहा था कि ज्यादा बारिशों की वजह से सब्जियों की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है. और कीमतों में इजाफा अगले दो महीनों तक जारी रहने की उम्मीद है. उसने कहा था कि टमाटर उगने वाले बड़े क्षेत्रों में से एक कर्नाटक में स्थिति इतनी खराब है कि सब्जी को महाराष्ट्र के नासिक से भेजा जा रहा है.


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