ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम को और बेहतर बनाने के लिया कई स्थानों पर सीसीटीवी कैमरों लगाए गए
एनसीआर गुरुग्राम न्यूज़: गुरूग्राम जिले में ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम को और बेहतर बनाने के लिया कई स्थानों पर सीसीटीवी कैमरों लगाए गए है। जिसे नियमों के उलंघन करने वालों पर नजर रखी जा रही है। वहीं, शुक्रवार को हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने गुरूग्राम सहित प्रदेश के विभिन्न शहरों में लगाए गए सीसीटीवी कैमरों की समीक्षा की। साथ ही उनकी मदद से पूरे शहर में लागू की जा रही स्मार्ट निगरानी प्रणाली की समीक्षा वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की।
इन विभागों की उनकी सूची होगी तैयार: इस दौरान उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन इस प्रणाली का भरपूर सदुपयोग कर रहा है, लेकिन अन्य विभाग भी इस प्रणाली से अपने कार्यालयों को जोड़कर विभाग से संबंधित कार्यों की बेहत्तर निगरानी करें। उन्होंने कहा कि गुरूग्राम सहित फरीदाबाद और करनाल में लागू किए जा रहे स्मार्ट सर्विलांस सिस्टम की प्रेेजेंटेशन सभी जिलों के आला अधिकारियों ने देखी है। जिससे सभी को ज्ञात हुआ है कि प्रदेश में क्या स्मार्ट पहल की जा रही हैं और अन्य जिले उनमें से बैस्ट पै्रक्टिसिस को अपना सकते हैं। उन्होंने कहा कि उन विभागों व कार्यों की सूची तैयार करें जो वर्तमान में इस स्मार्ट प्रणाली का उपयोग कर रहे हैं और ऐसे विभाग जो प्रणाली का उपयोग कर सकते हैं।
222 लोकेशन पर 1,200 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए: समीक्षा के दौरान गुरूग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (जीएमडीए) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुधीर राजपाल ने बताया कि प्रथम चरण में जीएमडीए के एरिया में गुरूग्राम के सभी 115 सेक्टरों व मानेसर में एक समग्र और इंटिग्रेटेड वीडियों सर्विलांस सिस्टम लागू किया गया है। इस सिस्टम के अंतर्गत 222 लोकेशन और स्थानों पर लगभग 1,200 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। जिनके माध्यम से मुख्य मार्गो व संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षा और निगरानी रखी जा रही है। इनमें से 191 लोकेशन गुरूग्राम में और 31 लोकेशन मानेसर क्षेत्र मे पड़ती हैं।
इस तरह मिल रही मदत: इनमें ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिक्गनेशन (एएनपीआर) और रैड लाईट वायलेशन डिटेक्शन (आरएलवीडी) सिस्टम लगे हुए हैं। इसका तात्पर्य है कि ये कैमरे वाहनों की नंबर प्लेट की पहचान करने और रैड लाईट जंप करने वालों का पता लगाने में सक्षम हैं। उन्होंने बताया कि ट्रैफिक मैनेजमेंट में सुधार करने के साथ-साथ अपराध नियंत्रण में इस प्रणाली से मदद मिल रही है। राजपाल ने बताया कि चोरी किए गए वाहन का नंबर और पुलिस द्वारा वांछित अपराधी की फोटो इस सिस्टम में डाल दी जाती है। जिससे कि उनकी तलाश करने में मदद मिलती है। इसके अलावा, गुरूग्राम महानगर सिटी बस लिमिटेड (जीएमसीबीएल) की सिटी बसों, जल वितरण, डेनेज, जल भराव, प्रोपर्टी टेक्स, पर्यावरण और प्रदूषण संबंधी विषयों पर निगरानी रखने में भी ये कैमरे सहायक सिद्ध हो रहे हैं।
48 पर ड्रोन कैमरों की मदद से निगरानी रखने का प्रयोग किया: इस पर मुख्य सचिव ने कहा कि गुरूग्राम शहर एक बड़े महानगर का रूप ले चुका है। इसलिए भीड़ प्रबंधन और राष्ट्रीय राजमार्ग पर निगरानी के लिए ड्रोन कैमरों का इस्तेमाल करें और उन कैमरों को भी इस इंटिग्रेटेड सर्विलांस सिस्टम से जोड़ें। राजपाल ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग- 48 पर ड्रोन कैमरों की मदद से निगरानी रखने का प्रयोग जीएमडीए ने किया है, जो सफल रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि जीएमडीए के क्षेत्र में 400 किलोमीटर लंबी ऑप्टीकल फाईबर लाईन भी डाली गई हैं, जिनके माध्यम से सरकार के अन्य विभाग भी इस निगरानी प्रणाली का लाभ उठाते हुए अपने विभाग से संबंधित कार्यों की बेहत्तर मॉनिटरिंग कर सकते हैं। बैठक में गुरूग्राम के उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने सुझाव दिया कि बिजली आपूर्ति, सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट, पेयजल आपूर्ति व सीवरेज प्रणाली की मॉनिटरिंग में भी इस प्रणाली का लाभ उठाया जा सकता है।
हर महीने काटे जा रहे 3 करोड़ रूपए के चालान: बैठक में जीएमडीए में नियुक्त कंसलटेंट पी के अग्रवाल ने बताया गया कि इस प्रणाली की मदद से गुरूग्राम पुलिस हर महीने 3 करोड़ रूपए के जुर्माने के चालान ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वाले चालकों को भेज रही है। बैठक में बताया गया कि यह सिस्टम लगने से लेकर अब तक 5 लाख 26 हजार चालान जारी हुए हैं और लगभग 93 करोड़ रूपए का जुर्माना किया गया है। जिसके विरूद्ध लगभग 6 करोड़ रूपए जुर्माने की वसूली हुई है, जोकि 6.27 प्रतिशत है।