राजीव गांधी सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल रेफर होने के लिए पर्चे में अस्पताल का नाम होना हुआ जरूरी
दिल्ली न्यूज़: अगर किसी अस्पताल से राजीव गांधी सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल (आरजीएसएच) रेफर हुए हैं तो पर्चे में अस्पताल का नाम होना जरूरी है। ऐसा नहीं होने से राजीव गांधी अस्पताल में उपचार के दौरान समस्याएं आ सकती है। अस्पताल आने वाले ज्यादातर मरीजों को इस बात की जानकारी नहीं है। जिसके कारण उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
पर्चे में अस्पताल का नाम नहीं होने से नहीं हुई गोलब्लडर की सर्जरी: विस्वास नगर निवासी मुकेश को गोलब्लडर में स्टोन की समस्या थी। इसके उपचार के लिए वह डॉ. हेडगेवार आरोग्य संस्थान गए। वहां सभी जरूरी जांच के बाद डॉक्टर ने उन्हें तीन महीने दवा खाने की सलाह दी लेकिन स्थिति में सुधार नहीं हुई। नतीजतन डॉक्टर ने उन्हें तत्काल सर्जरी करवाने की सलाह दी। सर्जरी से ठीक पहले होने वाले जरू री जांच में यह पाया गया कि उनका वजन ज्यादा है और उनकी गर्दन छोटी होने की वजह से इन्ट्यूबेशन की प्रक्रिया जटिल है। अस्पताल की ओर से उन्हें कहा गया कि उन्हें अपनी सर्जरी के लिए किसी हाई सेंटर में जाना होगा। पर्चे में डॉक्टर ने हाई सेंटर तो लिख दिया लेकिन राजीव गांधी सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल के नाम का जिक्र नहीं किया। जब मरीज अस्पताल पहुंचे तो वहां के डॉक्टरों ने उन्हें बताया कि उनकी सर्जरी वहां भी नहीं हो सकती क्योंकि पर्चे पर अस्पताल का नाम नहीं लिखा हुआ है। इस तरह से मरीज की सर्जरी दोबारा अटक गर्ई।
पॉलिसी के मुताबिक आरजीएसएच का नाम पर्चे पर होना चाहिए:राजीव गाँधी सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. संजय अग्रवाल ने बताया कि यह सरकार की पॉलिसी है। आरजीएसएच में निशुल्क उपचार नहीं दिया जाता है। यहां सभी सेवाओं पर शुल्क का भुगतान करना पड़ता है।
अगर मरीज निशुल्क या छूट प्राप्त सेवाओं का लाभ उठाना चाहता है तो सरकारी पॉलिसी के तहत उन्हें अपने पहले वाले अस्पताल के पर्चे पर आरजीएसएच का नाम लिखवाकर लाना होगा।