शाहीन बाग में एमसीडी के एक्शन पर रोक लगाने की मांग करने वालों को सुप्रीम कोर्ट से लगा झटका

सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी व्यक्ति की कि आखिर राजनीतिक दल इस याचिका को लेकर क्यों आए हैं

Update: 2022-05-09 13:23 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क : शाहीन बाग में एमसीडी के एक्शन पर रोक लगाने की मांग करने वालों को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है. दक्षिण दिल्ली में शाहीन बाग में अवैध निर्माण कर बसाई गईं बस्तियों को हटाने के आदेश के खिलाफ भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी यानी सीपीएम की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करने से इनकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर दो बजे से सुनवाई शुरू हुई, मगर सुनवाई शुरू होती ही सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी व्यक्ति की कि आखिर राजनीतिक दल इस याचिका को लेकर क्यों आए हैं

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम केवल पीड़ित पक्ष की बात सुनेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने राजनीतिक दल को हाईकोर्ट जाने का आदेश दिया. बता दें कि याचिका में कहा गया था कि प्राधिकरण झुग्गी बस्तियां ढहाने की योजना बना चुके हैं और अगले हफ्ते में उस पर अमल होने वाला है. याचिका में यह भी उल्लेख है किइसी हफ्ते चार मई को संगम विहार में गरीबों की इमारतों पर बुलडोजर चलाया गया. अब सोमवार तक ओखला शाहीन बाग में भी ऐसा ही करने का ऐलान किया है.सुप्रीम कोर्ट में जहांगीरपुरी मामले पर जस्टिस राव ने कहा कि मामले में यथस्थिति बरकरार रहेगी. इस मामले पर कोर्ट अब छुट्टियों के बाद सुनवाई करेगा.

-सुप्रीम कोर्ट ने दक्षिण दिल्ली में शाहीन बाग में अवैध निर्माण कर बसाई गईं बस्तियों को हटाने के आदेश के खिलाफ भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी यानी सीपीएम की याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि राजनीतिक दल की याचिका पर हम सुनवाई नहीं करेंगे, आप हाईकोर्ट जाइए.
-सुप्रीम कोर्ट से सीपीआई की अपील: दो दिनों का समय दीजिए. दो दिनों तक बुलडोजर न चलने दें.
-याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम लोगों के जीविका को प्रोटेक्ट करना चाहते हैं, मगर इस तरह से नहीं
-सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह टू मच है कि एक राजनीतिक पार्टी याचिका दाखिल कर रही है. शाहीन बाग में बुलडोजर चलेगा. इस पर सीपीआई (एम) के वकील ने कहा कि अगर फुटपाथ पर कार्रवाई करनी है तो बुलडोजर क्यों लाए जा रहे हैं. इसके बाद CPI ने कोर्ट से याचिका वापस ले ली. हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करने की मांग की.
-शाहीन बाग में अतिक्रमण हटाने के मसले पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर सड़कों से अतिक्रमण को हटाया जा रहा है तो हम इसमें कोई दखल नहीं देंगे.
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