जांच के दायरे में प्राधिकरण के ये तीन विभाग, एलिवेटेड रोड निर्माण घोटाले की जाँच में तेजी

Update: 2022-06-28 10:07 GMT

एनसीआर नॉएडा क्राइम न्यूज़: एलिवेटर रोड के निर्माण में हुए घोटाले की जांच तेजी से आगे बढ़ रही है। नोएडा प्राधिकरण के तीन वरिष्ठ अधिकारियों ने इसकी जांच शुरू कर दी है। जांच के दौरान तीन विभाग के अधिकारी इसके दायरे में आ रहे हैं। वहीं, एक हफ्ते पहले एलिवेटेड रोड निर्माण घोटाले में प्राधिकरण के तत्कालीन वरिष्ठ परियोजना अभियंता को हटा दिया गया था। इसके अलावा कैग ने भी इसके निर्माण के दौरान कई लेन-देन पर सवाल उठाए थे।

450 करोड रुपए खर्च कर हुआ था इसका निर्माण: आपको बता दें कि सेक्टर-61 से सेक्टर-28 स्थित विश्व भारती स्कूल तक इस एलिवेटेड रोड का निर्माण कराया गया था। यह एलिवेटेड लोगों की सहूलियत के लिए बनाया गया था। ताकि लोग कम समय में लंबी दूरी तय कर सके और लोगों को सफर के दौरान कोई भी दिक्कत ना हो। रोड का निर्माण 450 करोड रुपए की लागत से कराया गया था, लेकिन अब यह एलिवेटर रोड समय से पहले ही टूटना शुरू हो गया है। जिससे प्राधिकरण के अधिकारियों की चिंता बढ़ गई है। ऐसे में अब इसकी जांच भी शुरू कर दी गई है। वहीं, प्राधिकरण के तीन अधिकारियों द्वारा इसकी जांच की जा रही है। एलिवेटेड रोड के घोटाले में प्राधिकरण के तीन विभाग दायरे में आ रहे हैं।

बिना बिल की रिपोर्ट जमा कराएं दिए निर्माण कंपनी को करोड़ों रुपए: एलिवेटेड रोड के समय से पहले टूटना शुरू होने से सब की चिंता बढ़ गई है। जिसको लेकर अब जांच की जा रही है। एलिवेटेड रोड घोटाले में जांच के दौरान सिविल, इंजीनियर और वित्त विभाग के अधिकारी है। अभी इसकी जांच चल रही है। जांच को पूरा करने के बाद इसकी रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी। कैग के वित्तीय ऑडिट में पता चला था कि सिविल अधिकारियों द्वारा टेक्निकल ऑडिट सेल में फाइनल बिल की रिपोर्ट जमा कराने से पहले ही इस निर्माण कर रही कंपनी को 17.21 करोड रुपए दे दिए गए थे। इसके अलावा कैग ने एलिवेटेड रोड के निर्माण को लेकर हुए कई लेन-देन में अपनी आपत्ति दर्ज कराई थी।

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