दिल्ली के जीटीबी अस्पताल में 1069 बिस्तरों पर अब होगी सीधे ऑक्सीजन की आपूर्ति, अस्पताल में स्थापित किए गए 5 पीएसए संयंत्र
दिल्ली न्यूज़: कोरोना महामारी की दूसरी लहर में जिस तरह ऑक्सीजन आपूर्ति को लेकर दबाव की स्थिति बनी थी। ऐसा आगे न हो पाए उसे लेकर उत्तर-पूर्वी दिल्ली के बड़े अस्पताल जीटीबी (GTB) का प्रशासन ऑक्सीजन सुविधाओं को मजबूत करने में जुटा हुआ है। गत बुधवार को इस कड़ी में एक और विस्तार किया गया है। जिसके बाद सीधे 1069 बिस्तरों पर ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित कर ली गई है। अस्पताल में 5 पीएसए संयंत्र स्थापित किए गए हैं। जिससे ऑक्सीजन की उपलब्धता और भी अधिक बढ़ जाएगी।
नई प्रगति: ऑक्सीजन की आपूर्ति की उपलब्धता का विस्तार करने के लिए पुराने गैस संयंत्र में 1000 एलपीएम की क्षमता वाला एक पीएसए संयंत्र और नए मेडिकल गैस प्लांट में 500 एलपीएम की क्षमता वाले 4 पीएसए संयंत्र स्थापित किए गए हैं। इसके अलावा ऑक्सीजन लाइन का काम कुछ महीने पहले ही पूरा कर लिया गया है। जिससे 1069 बिस्तरों को सीधा ऑक्सीजन आपूर्ति से जोड़ दिया गया है। चिकित्सा निदेशक डॉ. एस. गिरी ने कहा कि इस वृद्धि से अस्पताल की सेवाएं विशेष रूप से कोविड-19 जैसी महामारी की स्थिति के दौरान बेहतर होंगी। इसके अलावा अस्पताल में नए मेडिकल गैस प्लांट में दो नए वेपोराइजर स्थापित किए गए है। प्रत्येक वेपोराइजर ने 1000 क्यूबिक मीटर की क्षमता और 15000 लीटर प्रति मिनट का ऑक्सीजन बहिर्वाह उत्पन्न करेगा। जबकि 200 घन मीटर की क्षमता वाले पुराने गैस संयंत्र में स्थापित दो पुराने वेपोराइजर जरूरत को पूरा करते रहेंगे। चिकित्सा निदेशक के मुताबिक अब तब से लगभग 1500 ऑक्सीजन आउटलेट/पॉइंट्स के साथ ऑक्सीजन वाले बेड बढ़ाए गए हैं, इन वेपोराइजर की बढ़ी हुई क्षमता यह सुनिश्चित करेगी कि ऑक्सीजन पाइप लाइन में दबाव में कोई गिरावट नहीं होगी, भले ही अस्पताल के सभी ऑक्सीजन बेड पूरे प्रवाह में ऑक्सीजन का उपयोग कर रहे हों।
इस तरह सिलसिलेवार तरीके से बढ़ी ऑक्सीजन क्षमता: जीटीबी अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ. सुुभाष गिरी ने बताया कि पहले जीटीबी अस्पताल में पुराने भवन की जरूरतों को पूरा करने वाला केवल एक पुराना ऑक्सीजन प्लांट था। इस सुविधा में 13 केएल और 10 केएल की क्षमता वाले दो एलएमओ (लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन) टैंक थे। 2020 में कोविड 19 के समय न्यू गैस प्लांट नामक नए स्थान पर एक लिक्विड ऑक्सीजन टैंक स्थापित किया गया था। 10 किलो लीटर के लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन टैंक में से एक को कुछ महीने पहले 20 केएल क्षमता की टैंक से बदल दिया गया था। इससे जीटीबी अस्पताल की ऑक्सीजन आरक्षित क्षमता 43 केएल हो गई। इसके कुछ महीनों के भीतर ही एक और 10 केएल की क्षमता वाला टैंक स्थापित किया गया। जिसके बाद अस्पताल में ऑक्सीजन की कुल क्षमता बढ़कर 53 केएल हो गई। इसके अलावा 113 केएल की क्षमता वाला एक बफर एलएमओ टैंक भी स्थापित किया गया जिससे राज्य स्तरीय आपूर्ति में भी सहयोग मिल रहा है।