New Delhi नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी ने सोमवार को दावा किया कि पंजाब में उसकी सरकार बनने के बाद पराली जलाने की घटनाओं में उल्लेखनीय कमी आई है। पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने को फसल कटाई के बाद के मौसम में, खासकर अक्टूबर और नवंबर में दिल्ली में वायु प्रदूषण का प्रमुख कारण बताया जाता रहा है। दिल्ली और पंजाब में आम आदमी पार्टी (आप) की सरकारों को राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण के स्तर में लगातार हो रही वृद्धि के कारण आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए आप विधायक दिलीप पांडे ने कहा, "पंजाब में भगवंत मान सरकार के सार्थक प्रयासों के कारण पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में उल्लेखनीय कमी आई है।
" भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) के आंकड़ों का हवाला देते हुए पांडे ने दावा किया कि पंजाब में पराली जलाने के मामलों की संख्या अक्टूबर 2022 के लगभग 8,000 से घटकर 1,866 हो गई है। पांडे ने कहा, ‘‘केंद्र सरकार के आईआरएआई के आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर 2022 के इस सप्ताह तक पंजाब में लगभग 8,000 पराली जलाने के मामले थे और आज के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, मामले घटकर 1,866 हो गए हैं।’’ उन्होंने कहा कि आंकड़ों से स्पष्ट रूप से पता चलता है कि पंजाब की आप सरकार ने इस मुद्दे को हल करने के लिए सकारात्मक रूप से काम किया है,
जबकि भाजपा शासित हरियाणा और उत्तर प्रदेश सिर्फ दोषारोपण में लिप्त रहे हैं और समाधान में उनका योगदान “शून्य” है। राष्ट्रीय राजधानी की वायु गुणवत्ता पिछले कई दिनों से “बहुत खराब” श्रेणी में चली गई है, शहर के कुछ इलाकों में तो प्रदूषण का स्तर ‘गंभीर’ भी दर्ज किया गया है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने भी इस अवधि के दौरान सतर्कता बढ़ा दी है तथा पंजाब और हरियाणा के प्रमुख जिलों में पराली जलाने पर निगरानी के लिए केंद्रीय टीमें तैनात की हैं।