दिल्ली न्यूज़: दिल्ली से सटे नोएडा में सुपरटेक एमरॉल्ड कोर्ट परिसर में बने ट्विन टावर को गिरे हुए बुधवार को एक महीना हो जाएगा, लेकिन अभी तक मौके से मलबा उठना शुरू नहीं हुआ है। यहां करीब 80 हजार टन मलबा पड़ा है। मलबा उठवाने के मामले में सुपरटेक बिल्डर लगातार लापरवाही बरत रहा है। ऐसे में नोएडा प्राधिकरण ने अब सख्ती दिखानी शुरू कर दी है। इसी मामले में बुधवार को बिल्डर और टावर ध्वस्त करने वाली एजेंसी को प्राधिकरण दफ्तर में बुलाया है। मलबा नहीं उठने पर नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी ने नियोजन विभाग से जबाव-तलब किया और जल्द काम शुरू कराने के निर्देश दिए। इसके बाद नियोजन विभाग ने बुधवार को बैठक बुलाई है। इसमें सुपरटेक बिल्डर और एडीफाइस एजेंसी को बुलाया गया है। खास बात यह है कि मलबा निस्तारण कराने को लेकर बिल्डर लगातार गुमराह कर रहा है। पहले उसने सेक्टर-80 स्थित प्लांट में मलबा निस्तारण की सहमति दे दी। जब प्राधिकरण ने निस्तारण प्रक्रिया की एवज में 46 लाख रुपये मांगे तो वह पीछे हट गया। इसके अलावा बिल्डर अपने स्तर से भी ग्रेटर नोएडा में एक जगह चिह्नित करने और उससे संबंधित एनओसी नहीं ले सका है।
प्राधिकरण बिल्डर से लगेगी इमारतों के स्ट्रक्चरल ऑडिट की जानकारी: मलबे के अलावा प्राधिकरण ट्विन टावर के 50 मीटर दायरे की इमारतों के स्ट्रक्चरल ऑडिट की जानकारी भी बिल्डर पक्ष से लेगी। अधिकारियों ने बताया कि बिल्डर की ओर से बताया गया कि स्ट्रक्चरल ऑडिट पूरा कर लिया गया है, लेकिन अभी तक रिपोर्ट नहीं दी गई है। गौरतलब है कि इस महीने के शुरुआत में प्राधिकरण ने निर्देश दिया था कि 30 सितंबर तक स्ट्रक्चरल ऑडिट रिपोर्ट जमा कर दी जाए।