ऐसे खुला मिर्ची गैंग का राज, 450 सीसीटीवी कैमरे, 10 हजार मोबाइल नंबरों की जांच

Update: 2022-07-20 15:35 GMT

सोचिए... एक लूट की वारदात के सुराग तक पहुंचने के लिए जब पुलिस को करीब 450 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालनी पड़े, 10,000 मोबाइल नंबरों की पड़ताल करनी पड़े और तब जाकर किसी गैंग के पास तक पहुंच सके. दिल्ली पुलिस को 'मिर्ची गैंग' तक पहुंचने के लिए यही करना पड़ा. ये मामला दिन दहाड़े फिल्मी अंदाज में लाखों रुपये की लूट से जुड़ा हुआ है.

दिल्ली पुलिस ने मिर्ची गैंग के तीन लुटेरों को गिरफ्तार कर लिया है. मिर्ची गैंग ने 15 जुलाई की दोपहर दिल्ली के लाजपत नगर इलाके में 38 लाख रुपये की लूट को अंजाम दिया था. गिरफ्तारी के बाद उनके पास से 22 लाख रुपये बरामद किए जा चुके हैं. इन लुटेरों ने ऑटो में सवार एक कलेक्शन एजेंट से 38 लाख रुपए से भरा बैग लूट लिया था. बदमाशों ने लूट कै दौरान कलेक्शन एजेंट के आंखों में लाल मिर्ची पाउडर झोंक दिया और मौके से फरार हो गए.

गर्लफ्रेंड संग मनाली भागने वाला था आरोपी

दिल्ली पुलिस के एसीपी मनोज सिन्हा और एसएचओ सत्यप्रकाश की टीम ने इस लूट का खुलासा करने के लिए पहले पूरे इलाके के 450 सीसीटीवी कैमरों की जांच की. सीसीटीवी से पहला सुराग मिला कि आरोपी दो मोटर साइकिल पर सवार थे. करीब 10 हजार फोन नंबरों का डेटा खंगालने के बाद दिल्ली पुलिस अबू बकर और जीशान नाम के दो लुटेरों की पहचान कर पाई. पुलिस की टीम ने श्रीनिवासपुरी से दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने तीसरे आरोपी आसिफ को पानीपत के ओयो होटल से गिरफ्तार किया. आसिफ अपनी गर्लफ्रेंड के साथ मनाली भागने की फिराक में था.

ऐसे गिरफ्त में आए मिर्ची गैंग लोग

पुलिस ने जीशान से लगातार पूछताछ की. इसके बाद आरोपी जीशान ने खुलासा किया कि वह अमर कॉलोनी बाजार में एक कपड़े की दुकान पर काम करता था. वह अमर कॉलोनी बाजार से चांदनी चौक बाजार में नकदी के लेन-देन को लेकर से अच्छी तरह वाकिफ था. रमजान के दौरान उसने नौकरी छोड़ दी थी और अबू बकर और अन्य साथियों के साथ लूट की साजिश रची. जैसे ही कैश लेकर अनित और छतर सिंह अमर कॉलोनी बाजार से निकले. लुटेरों नें उनका पीछा करना शुरू कर दिया. फिर आंखों में मिर्ची झोंककर लूट को अंजाम दिया.

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