दुकानदार के 85 रुपये ज्‍यादा लेने पर पहुंच गई थाने, इस बच्‍ची की तरह अपने उपभोक्‍ता अध‍िकार

Update: 2022-07-18 13:26 GMT

उत्‍तर प्रदेश के हरदोई में थाने के अंदर रोती एक मासूम बच्ची का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वीडियो में बच्ची दुकानदार के द्वारा किताब के ज्यादा रुपए लिए जाने को लेकर रोती बिलखती नजर आ रही है और साथ ही वह थानेदार से कह रही है कि उसने किताब में पढ़ा है कि उपभोक्ता के अधिकार होते हैं. लिहाजा उसको उसके अधिकार दिलाए जाएं, हालांकि थाने पर पहुंचने के बाद थानेदार ने महिला कॉन्स्टेबल को भेजकर उक्त बच्ची के पैसे वापस दिलाए और उसको किताब दिलाई. चूंकि बच्ची गरीब परिवार से ताल्लुक रखती थी. इसलिए थानेदार ने उसकी टूटी चप्पलों को बदलवा कर नई चप्पल और ड्रेस भी दिलवाई है.

थानेदार से बोली लड़की, मेरा अधिकार मुझे दिलाए

मामला हरदोई जिले के थाना माधौगंज का है, जहां जनसुनवाई के दौरान माधौगंज थाने पर एमएस पब्लिक स्कूल की एक 9 वीं क्लास की छात्रा संध्या पहुंची और थानेदार के सामने फफक कर रोने लगी. थानेदार ने जब उससे रोने का कारण पूछा तो उसने बताया कि दुकानदार ने किताब के दाम अधिक वसूल लिए है. जिले की अंकुर बुक डिपो से उसने भौतिक विज्ञान की किताब खरीदी थी जो दुकानदार ने 850 रुपए की दी, जबकि बाकी दुकानों पर वो किताब 765 रुपए की है. जब उसने दुकादार से कहा, तो उसने न तो उसके रुपए लौटाए और न ही किताब दी. साथ ही दुकानदार ने कहा कि वो जो चाहे कर ले वो उसको किताब नहीं देगा. जिसके बाद संध्या थाने पहुंची और रोते हुए सारी कहानी सुनाने के बाद बोली कि उसने किताब में पढ़ा है कि उपभोक्ता के अधिकार होते है उसको वो अधिकार दिलाए जाएं.

थानेदार ने दिलाई नई चप्पल

संध्या ने बताया कि उसके पिता मजदूरी करके बड़ी मेहनत से उसे पढ़ा रहे हैं. उसकी चप्पल टूटी हुई है जिसे उसने 5 रुपए देकर जुड़वाया है. ड्रेस भी फट गई है और ऐसे में पढ़ाई करना बहुत मुश्किल है. थानेदार ने छात्रा की बात सुनकर महिला पुलिसकर्मी को दुकान पर भेज कर छात्रा के रुपए वापस कराए. इस बारे में थानाध्यक्ष सुब्रत नारायण तिवारी ने बताया कि बच्ची की शिकायत के बाद महिला आरक्षी दिव्या द्विवेदी व प्रगति दुबे को दुकानदार के पास भेजा गया. दोनों महिला आरक्षियों ने दुकानदार से अधिक रुपए लेने की बात पूछी तो दुकानदार ने गलती स्वीकार करते हुए रुपए वापस किए. पैरों में टूटी चप्पल पहने होने पर थानाध्यक्ष ने एक हजार रुपए देकर उसको नई चप्पलें और किताबे दिलाई है.

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