कूड़े का पहाड़ कुतुबमीनार की ऊंचाई छूने के करीब, इसे कैसे कम किया जाए: उपराज्यपाल
दिल्ली ब्रेकिंग: दिल्ली के बॉर्डर पर खड़े कूड़े के पहाड़, कुतुबमीनार की ऊंचाई छूने वाले हैं और इस बीच उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने इसकी ऊंचाई को कम करने की चुनौती आज जनता देते हुए साझा किया कि इन तीनों पहाड़ों पर 280 टन कचरा है बताओं इसे कैसे कम किया जाए। इसके बाद तो ट्वीटर पर कई अटपटे, चटपटे और गंभीर सुझाव सामने आए। दरअसल गाजीपुर में 53 मीटर ऊंची लैंडफिल साइट पर 140 टन, भलस्वा की 54 मीटर ऊंची साइट पर 80 टन और ओखला साइट की ऊंचाई 50 मीटर है और यहां भी करीबन 60 टन कचरा है। दिल्ली के पूर्वी, उत्तरी, दक्षिणी प्रवेश द्वारों पर खड़े इन पहाड़ों को लेकर आम आदमी पार्टी जहां भाजपा के 15 साल निगम के कार्यकाल को लेकर घेरती है तो वहीं उपराज्यपाल ने ट्वीटर पर कहा, यह वर्षों से हैं, आओ इन्हें कम करने के लिए साझे प्रयास किए जाएं।
मेजर जनरल डॉ. दिलावर सिंह बोलते हैं, हम कचरा कम करने, प्लास्टिक प्रतिबंध पर अमल, स्मार्ट गवर्नेंस पर चाहेंगे प्रेजेंटेशन देकर संपूर्ण विवरण दें यदि अवसर मिले। तेजेंद्र ने भी कहा कि इस समस्या से निपटने के लिए हम प्रशिक्षण दे सकते हैं। दिनेश गुप्ता ने बताया कि सौ फीसदी रिसाइक्लिंग इकलौता विकल्प है। प्लास्टिक अलग किया जाए, सूखे पत्तों को डीडीए, निगम पार्कों में खाद बनाएं सब्जियों के छिलके जानवरों को खिलाए जाएं। प्लास्टिक, मेटल कचरा भी रिसाइकिल किया जाए।
हाइवे बनाने के सुझाव रखते हुए अमित ने कहा कि इसका इस्तेमाल राष्ट्रीय राजमार्गों में किया जाए। जबकि श्याम मल्होत्रा ने दुनिया भर में अपनायी जा रही प्रक्रियाओं के मुताबिक निपटान पर जोर दिया। बता दें कि भलस्वा, गाजीपुर लैंडफिल साइट पर कई बार जहां आग के हादसे होते हैं वहीं दुर्घटना, प्रदूषण से बीमारियों के फैलने के मामले भी सामने आते रहते हैं। इसीलिए कई लोगों ने बताया कि कचरे को जलाया जा रहा है। निगम से लेकर सरकार, भाजपा और आम आदमी पार्टी पर भी लोगों ने निशाना साधा। हां, कचरे के पहाड़ों पर चिंता जाहिर करने वाले सामने जरूर आए।