दिल्ली में सामने आया ताजा मामला अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैंडिंग

Update: 2022-02-18 10:22 GMT

देश की राजधानी दिल्ली से अमृतसर जा रहे विस्तारा के विमान में तकनीकी खराबी का पता चलने पर बृहस्पतिवार को इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट (आइजीआइ) पर इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई। इस दौरान विमान में क्रू सदस्यों सहित सवार किसी भी यात्री को कोई नुकसान नहीं पहुंचा। करीब सवा तीन घंटे के बाद सभी यात्रियों को दूसरे विमान से अमृतसर के लिए रवाना किया गया। यहां पर हम बता रहे हैं कि विमानों की आपात लैंडिंग की पूरी प्रक्रिया क्या है और इस दौरान किन बातों का विशेष ध्यान रखा जाता है। आपातकाल की स्थिति में विमानों की इमरजेंसी लैंडिंग तीन तरह से होती है। एक लैंडिंग को फोर्स लैंडिंग कहा जाता है। आमतौर पर यह इंजन के फेल होने पर किया जाता है। दूसरे को प्रीकाशनरी लैंडिंग (एहतियाती लैंडिंग) कहा जाता है। इसमें विमान की उड़ान आगे के लिए संभव होती है, लेकिन ज्यादा जोखिम नहीं लेते हुए विमान को उतारा जाता है। इस लैंडिंग का इस्तेमाल आमतौर पर ईधन की कमी, मौसम की खराबी, किसी की तबीयत खराब होने पर की जाती है। तीसरे तरह की लैंडिंग को डिचिंग कहा जाता है। जब आपातकाल में विमान को पानी की सतह पर उतारा जाए तो इसे डिचिंग कहते हैं। 


एयरपोर्ट सूत्रों के अनुसार विस्तारा यूके-697 विमान ने आइजीआइ से अमृतसर के लिए बृहस्पतिवार सुबह करीब पौने नौ बजे उड़ान भरी। उड़ान भरने के करीब 25 मिनट बाद पायलट को विमान में हाइड्रोलिक सिस्टम में गड़बड़ी का पता चला। पायलट ने विमानपत्तन प्राधिकरण व नई दिल्ली स्थित एटीसी से संपर्क कर विमान की इमरजेंसी लैं¨डग की इजाजत मांगी। इसके बाद प्रोटोकाल के तहत अग्निशमन विभाग सहित पुलिस व अन्य सरकारी एजेंसियों को मामले से अवगत कराया गया। पायलट की सतर्कता से विमान करीब पौने दस बजे आइजीआइ के रन-वे पर उतरने में कामयाब रहा। इसके बाद तत्काल विमान को खाली कराया गया। विमान में क्रू के 28 सदस्यों सहित कुल 146 लोग सवार थे। विमान के लिए बेहद अहम होता है हाइड्रोलिक सिस्टम एक पूर्व पायलट का कहना है कि उड़ान भरने के दौरान विमान पर हवा का दबाव काफी अधिक रहता है। यह दबाव इतना अधिक रहता है कि बिना हाइड्रोलिक सिस्टम की मदद लिए आप विमान के किसी भी हिस्से को नियंत्रित नहीं कर सकते। आजकल के विमान में हाइड्रोलिक सिस्टम के दो हिस्से होते हैं। एक के फेल होने पर दूसरा सिस्टम काम करने लगता है। लेकिन इसके लिए एक अवधि निर्धारित रहती है। हालांकि, एक सिस्टम के फेल होने पर आमतौर पर पायलट कोई खतरा न उठाते हुए विमान की इमरजेंसी लैंडिंग कराते हैं।

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