आईजीआई एयरपोर्ट का चौथा रनवे हुआ तैयार, बना देश का पहला चार रनवे वाला एयरपोर्ट

Update: 2022-07-15 05:13 GMT

दिल्ली न्यूज़: राजधानी दिल्ली की इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (आईजीआई) चार रनवे वाला देश का पहला एयरपोर्ट बन गया है। गत छह सालों से चल रहे निर्माण कार्य को एयरपोर्ट ऑपरेटर दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल) ने पूरा कर लिया है। इस नवनिर्मित रनवे के ट्रायल के लिए डायल ने एयरपोर्ट ऑथेरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) को सूचना दे दी है। ताकि सफल ट्रायल होने के बाद जल्द से जल्द सामान्य उड़ानों का संचालन शुरू किया जा सके। संभावना जताई जा रही है कि इस महीने के अंत तक इस रनवे का ट्रायल शुरू किया जा सकता है। करीब छह वर्षों में तैयार यह रनवे दुनिया की सबसे सुरक्षित व सुविधाओं से लैस रनवे है।

आईजीआई एयरपोर्ट एक झलक: 

यह एयरपोर्ट कुल 5106 एकड़ में फैला है। इसमें वर्तमान में कुल तीन टर्मिनल हैं, इसमें टर्मिनल एक व दो से घरेलू उड़ानों का संचालन होता है। वहीं तीन से सभी अंतरराष्ट्रीय और एयर इंडिया व कुछ एयरलाइन के घरेलू उड़ानों का भी परिचालन होता है।

इस एयरपोर्ट से प्रतिदिन करीब 1300 उड़ानें संचालित होती है और करीब 2.5 लाख लोग आवाजाही करते हैं। एयरपोर्ट की तत्काल यात्री क्षमता करीब प्रतिवर्ष 6.5 करोड़ यात्री है।

नया टर्मिनल पर उड़ानों के संचालन शुरू होने के बाद यहां से एक घंटे में तकरीबन 105 उड़ानों का परिचालन हो सकेगा।

यात्रियों को बेहतरीन और अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधा प्रदान करने के लिए आईजीआई ने कई बार दुनिया के बेहतरीन एयरपोर्ट का खिताब जीता है।

वर्ष 2005 में आईजीआई एयरपोर्ट की क्षमता 1.6 करोड़ यात्री प्रतिवर्ष थी, वहीं उस समय रोजाना

मात्र 500 विमान उड़ान भरते थे।

वर्तमान में कुल तीन रनवे पर विमानों का संचालन होता है। जोकि रनवे संख्या 11/29, 10/28 और 09/27 है।

रनवे संख्या 09/27 को छोडक़र अन्य दोनों कोहरे में विमान को सुरक्षित लैंडिंग करने में मदद करने वाली तकनीक कैट थ्री बी युक्त हैं। इस नए रनवे को भी कैट थ्री बी तकनीक से तैयार की गई है।

चौथे रनवे का निर्माण रनवे संख्या 29/11 के समांतर कराया गया है। इसकी भी लंबाई वर्तमान रनवे के बराबर 4400 मीटर है। चौड़ाई 75 मीटर है।

चौथे रनवे के साथ ही जल्द ही मिलेगा चौथा टर्मिनल भी: आईजीआई पर चौथे रनवे के साथ ही जल्द ही हवाई यात्रियों को चौथा टर्मिनल का भी सौगात मिलने वाला है। यह टर्मिनल तत्काल में स्थित टर्मिनल-2 के स्थान पर बनाया जाएगा। जोकि पहले हज एयरपोर्ट हुआ करता था। वर्तमान में यहां से इंडिगो और गो एयरलाइन के घरेलू उड़ानों का संचालन होता है।

टर्मिनल-4 के तैयार होने के बाद टर्मिनल-2 के सारे विमान यहां से संचालित होने लगेंगे। वहीं कम लागत वाली एयरलाइंस का संचालन टर्मिनल-1 से होता रहेगा। इस नए टर्मिनल पर विमान पार्किंग एरिया, कार्गों एरिया, टर्मिनल की इमारत, इमिग्रेशन, एयरलाइन काउंटर समेत सभी आधुनिक सुविधाएं होंगी।

यहां वर्तमान सबसे बड़ा टर्मिनल-3 से ज्यादा कन्वेयर बेल्ट होगी, जिससे अधिक संख्या में बैग लोड हो पाएंगे। इस टर्मिनल पर अत्याधुनिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित प्रणाली लगाई जाएगी। इससे डायल कर्मी टर्मिनल की भीड़ को रीयल टाइम में नियंत्रित कर पाएंगे।

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