प्राधिकरण बिल्डर द्वारा बकाया जमा नही कराने पर बिल्डरों के साथ बैठक करेगी
उनको रुपये जमा करने के लिए अल्टीमेटम दिया जाएगा.
नोएडा: शासनादेश के तीन महीने बाद भी फ्लैट की रजिस्ट्री में तेजी नहीं आ सकी है क्योंकि प्राधिकरण के निर्देश के बाद भी बिल्डर बकाया जमा नहीं कर रहे हैं. ऐसे में प्राधिकरण ने निर्णय लिया है कि अप्रैल के पहले सप्ताह में बिल्डरों के साथ बैठक की जाएगी. इसमें उनको रुपये जमा करने के लिए अल्टीमेटम दिया जाएगा.
फ्लैट खरीदारों की सहूलियत के लिए अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों पर यूपी कैबिनेट ने दिसंबर 2023 में मुहर लगा दी थी. इस संबंध में 21 दिसंबर को शासनादेश भी जारी कर दिया गया था. शासनादेश को आए हुए करीब तीन महीने का समय हो चुका है, लेकिन बिल्डर अधिक संख्या में इसका फायदा उठाने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं. प्राधिकरण के रिकॉर्ड के अनुसार आठ बिल्डरों ने ही इस शासनादेश का फायदा उठाया है. इनमें से चार बिल्डरों को कोराना काल के दौरान दो साल का जीरो पीरियड का लाभ देने से इनका बकाया शून्य हो गया था, जबकि चार अन्य बिल्डरों ने करीब एक हजार करोड़ रुपये जमा करा दिए हैं.
बिल्डरों ने यह राशि कुल बकाये में से प्रतिशत राशि के रूप में जमा की है. इसी अनुपात में बिल्डरों को फ्लैट की रजिस्ट्री की अनुमति प्राधिकरण ने दी है. बकाया जमा कराने वाले बिल्डरों की परियोजनाओं में करीब एक हजार फ्लैट की रजिस्ट्री की अनुमति प्राधिकरण दे चुका है, जबकि अब तक मात्र 110 फ्लैट की रजिस्ट्री हो सकी है.
प्राधिकरण की योजना के अनुसार पहले चरण में 57 परियोजनाओं की रजिस्ट्री कराना प्राथमिकता में है. इन पर करीब 8500 करोड़ रुपये बकाया है. इन परियोजनाओं में -30 हजार फ्लैट की रजिस्ट्री हो सकती है. इन परियोजनाओं से संबंधित बिल्डर पैसा जमा कराने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं. तीन महीने से करीब दर्जन भर बैठक बिल्डरों के साथ प्राधिकरण अधिकारी कर चुके हैं, लेकिन कुछ नहीं हुआ.
बिल्डर हर बार कुछ दिन का वक्त मांग लेते हैं. ऐसे में प्राधिकरण ने अब सख्त रुख अपनाने का निर्णय लिया है. अधिकारियों ने बताया कि अप्रैल के पहले सप्ताह में बिल्डरों के साथ एक बार फिर बैठक की जाएगी. इसमें बिल्डरों को अल्टीमेटम देते बकाया रकम जमा कर रजिस्ट्री कराने के लिए कहा जाएगा