कुत्तों का आतंक: रोजाना पांच हजार लोगों को काट रहे हैं कुत्ते, गली-मोहल्लों में दहशत का माहौल

दिल्ली में कुत्तों का आतंक हद से ज्यादा बढ़ गया है।

Update: 2021-12-22 01:48 GMT

दिल्ली में कुत्तों का आतंक हद से ज्यादा बढ़ गया है। इन पर किसी का कोई नियंत्रण नहीं है। एक छोटी बच्ची को हाल ही में कुत्तों ने नोंचकर मार डाला। राजधानी में घटित हुई इस बड़ी घटना को संज्ञान में लेते हुए आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने मंगलवार को जानकारी दी कि दिल्ली में रोजाना करीब 5 हजार लोगों को कुत्ते काटते हैं। उन्होंने इसके लिए निगम को जिम्मेदार ठहराया।

भारद्वाज ने कहा है कि एमसीडी कागजों में कुत्तों का बंध्याकरण कर बड़ा भ्रष्टाचार कर रही है। उत्तरी नगर निगम ने 2020-21 में डॉग स्टेरलाइजेशन के लिए 15 करोड़ का आवंटन किया और इसके लिए केंद्र बनाने के नाम पर 5 करोड़ का आवंटित किए, जबकि दिल्ली में आवारा कुत्तों की आबादी लगातार बढ़ रही है। बंध्याकरण में भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए एमसीडी ने 2009 से इनका सर्वे करना बंद कर दिया।
एमसीडी ने कुत्ते काटने के आंकड़ों छिपाने के लिए अपने अस्पतालों में रैबीज की दवाई रखना बंद कर दी है। उन्होंने कहा कि कुत्तों के काटने के डर से बच्चों को बाहर पार्क में भेजना और महिलाओं ने सैर पर जाना बंद कर दिया है। कॉलोनियों में लोग कुत्तों के आतंक से भयभीत हैं। सौरभ भारद्वाज ने दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता से सवाल पूछा कि अगर पिछले 15 साल से आवारा कुत्तों का बंध्याकरण किया जा रहा है तो कुत्तों की आबादी क्यों बढ़ रही है?
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