टेरर फंडिंग, धमाकों की साजिश और टार्गेट किलिंग, NIA ने किया बड़ा खुलासा
देश का सबसे बड़ा मोस्ट वॉन्टेड डॉन और डी कंपनी की सीईओ दाऊद इब्राहिम पिछले 30 सालों से विदेश में छिपकर बैठा है.
देश का सबसे बड़ा मोस्ट वॉन्टेड डॉन और डी कंपनी की सीईओ दाऊद इब्राहिम पिछले 30 सालों से विदेश में छिपकर बैठा है. इन बीते सालों में उसे भारत लाने की तमाम कोशिशें की गई. लेकिन कामयाबी नहीं मिली. मगर इतना लंबा अरसा बीत जाने पर भी मुंबई में दाऊद का असर कम नहीं हुआ. एनआईए ने महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक के मामले की जांच के दौरान पाया कि दाऊद का आतंक अभी भी बरकरार है. इसलिए एनआईए ने उसके खिलाफ एक बड़ा अभियान शुरु कर दिया.
1993 के मुंबई सीरियल ब्लास्ट के गुनहगार और अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम और उसके गुर्गों पर ठिकानों पर 9 मई की सुबह हुई छापेमारी के बाद कई चौंकानेवाले ख़ुलासे हुए हैं. पता चला है कि दाऊद इब्राहिम और उसका गैंग टेरर फंडिंग के ज़रिए मुंबई समेत देश के कई अहम शहरों में आतंकी हमले की साज़िश रच रहा था और उन्होंने इसका काम डी कंपनी के ही एक अहम चेहरे और दाऊद इब्राहिम का दायां हाथ माने जानेवाले छोटा शकील के जीजा और उसके भाई को सौंप रखा था. 9 मई को दाऊद के नज़दीकियों के 20 ठिकानों पर हुई छापेमारी के बाद एनआईए को ना सिर्फ़ इस साज़िश को लेकर कई चौंकानेवाली बातों का पता चला, बल्कि इस सिलसिले में उसने छोटा शकील के जीजा आरिफ शेख और उसके भाई शब्बीर शेख को गिरफ़्तार कर लिया. इससे पहले पुलिस ने छोटा शकील के ही साले सलीम फ्रूट को हिरासत में लिया था,आरिफ शेख छोटा शकील की बहन फहमीदा शेख का पति है. एनआईए ने आरिफ शेख के साथ उसके छोटे भाई शब्बीर शेख को भी पकड़ा है. एनआईए को शेख बंधुओं के खाते में संदिग्ध ट्रांजैक्शन का पता चला है. दोनों भाइयों पर इल्ज़ाम है कि वो पश्चिमी मुंबई समेत कई जगहों पर आतंकी हमले कराने वाले थे. देश के कुछ नामचीन चेहरों की टार्गेट किलिंग भी उनकी साज़िश में शामिल थी. ऐसे हमलों और किलिंग से उनका इरादा लॉ एंड ऑर्डर बिगाड़ने का था. आरिफ शेख वही शख़्स है जिसका नाम गुजरात के गृह मंत्री रहे हरेन पांड्या के क़त्ल में सामने आया था. उसे 2006 में डिपोर्ट कर दुबई से भारत लाया गया था और वो गिरफ़्तारी से पहले गुजरात और पश्चिमी मुंबई में ख़ासा एक्टिव था.
एनआईए ने दाऊद गैंग पर किए गए इस क्रैक डाउन के दौरान सिर्फ़ शेख बंधुओं को ही नहीं पकड़ा, बल्कि सलीम फ्रूट, दाऊद के साले सऊद युसूफ़ तुंगेकर, उसके छोटे भाई इक़बाल कासकर के ख़ासमख़ास ख़ालिद उस्मान शेख और दाऊद के भांजे से भी पूछताछ की. वैसे सिर्फ ये लोग ही नहीं एनआईए की रडार पर दाऊद के और कई नज़दीकी चेहरे और 1993 सीरियल ब्लास्ट के सिलसिले में पहले भी पुलिस के शिकंजे में आ चुके लोग शामिल हैं.
एनआईए ने इसी क्रैक डाउन के दौरान सुहेल खंडवानी से भी पूछताछ की. सुहैल वो शख्स है, जिसका नाम 1993 ब्लास्ट में आया था, लेकिन बाद में अदालत ने उसे बरी कर दिया था. ठीक इसी तरह फ़िल्म प्रोड्यूसर समीर हिंगोरा से भी एनआईए ने पूछताछ की. हिंगोरा वो शख़्स है, जिसका नाम संजय दत्त को एके-56 रायफल दिलाने में सामने आया था.
दाऊद की डी कंपनी की ओर से मुंबई समेत कई इलाक़ों में चलाए जाने वाले तमाम तरह के नाजायज़ कारोबार पर एनआईए की पहले से ही नज़र थी और उसने इस सिलसिले में पहले ही दाऊद और उसके कई खासमखास के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज की थी. जिसके बाद ये कार्रवाई अंजाम दी गई. एनआईए ने दाऊद के गुर्गों के जिन ठिकानों पर दबिश दी, उनमें मुंबई का नागपाड़ा, भिंडी बाज़ार, मुंब्रा, बांद्रा, गोरेगांव, सांताक्रूज़, बोरीवली, परेल और कोल्हापुर जैसे इलाक़े शामिल हैं.