नोएडा में मिड डे मिल के खातों में गड़बड़ी और केवाईसी का बहाना बना रहे शिक्षक, नोटिस जारी
सरकारी विद्यालयों के विद्यार्थियों को सुविधा के लिए शासन नई योजनाएं शुरू कर रहा है.
सरकारी विद्यालयों के विद्यार्थियों को सुविधा के लिए शासन नई योजनाएं शुरू कर रहा है, लेकिन जिले के अधिकारी योजना की हवा निकाल रहे हैं। जिले के कई विद्यालय ऐसे हैं, जिन्होंने लॉकडाउन में मिले छात्र-छात्राओं के मिड डे मिल का भत्ता अबतक उनके खातों में नहीं पहुंचाया है। जिला विद्यालय निरीक्षक इस मामले में दो दिनों में दो एडेड स्कूल के प्रधानाचार्य को कारण बताओ नोटिस जारी कर चुके हैं।
उधर, यूनिफॉर्म के लिए डीबीटी कार्य भी स्कूलों में पूरा नहीं है। जिससे बेसिक शिक्षा विभाग के अफसरों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं। जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ. धर्मवीर सिंह ने बृहस्पतिवार को जनता इंटर कॉलेज रोजा याकूबपुर का निरीक्षण किया। यह अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालय है। जांच पड़ताल में सामने आया कि विद्यालय को कक्षा छह से आठ तक के विद्यार्थियों के लिए लॉकडाउन की अवधि का मिड डे मिल (एमडीएम) का 5.18 लाख रुपए भेजे गए थे, जो कि प्रधानाचार्य ने अभी तक विद्यार्थियों के खातों में नहीं भेजे हैं।
बीते दिवस गेझा-भंगेल स्थित नवजीवन इंटर कॉलेज में भी उन्होंने निरीक्षण के दौरान गड़बडी पकड़ी थी। कॉलेज के प्रधानाचार्य को एमडीएम भत्ते के 4.52 लाख रुपए दिए गए थे, लेकिन उन्होंने किसी भी विद्यार्थी को अभी तक पैसा नहीं दिया है। साथ ही विद्यालय में यूनिफॉर्म के 1100 रुपए मिलने के लिए डीबीपी का कार्य भी पूरा नहीं है। दो विद्यालयों में यह गड़बड़ी पकड़ में आने के बाद जिला विद्यालय निरीक्षक ने अन्य एडेड स्कूलों की जांच भी शुरू कर दी है। सबसे ज्यादा गड़बड़ी एडेड स्कूलों में ही मिल रही है। डीआईओएस ने जनता इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य को इस संबंध में कारण बताओ नोटिस भेजकर जवाब मांगा है।
खातों में गड़बड़ी और केवाईसी का बहाना बना रहे शिक्षक
मौके पर पूछताछ के दौरान दोनों विद्यालयों के प्रधानाचार्यों ने इसके पीछे का कारण विद्यार्थियों के खातों में गड़बड़ी और केवाईसी न होना बताया है। बताया कि विद्यार्थियों के अभिभावकों के खाते आधार से लिंक न होने के कारण उनके खातों में पैसा भेजना मुश्किल हो रहा है। वहीं, इस बाबत कई बार अभिभावकों को खातों में सुधार के लिए कहा गया है, लेकिन सुधार नहीं हो रहा। उन्होंने कार्यों को जल्द पूरा करने की भी दुहाई दी है।
जांच के घेरे में बेसिक शिक्षा के अफसर
कक्षा आठ तक के विद्यालय बेसिक शिक्षा विभाग के अधीन है, लेकिन बीएसए के स्तर से मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई है। वहीं, अभी तक उन्होंने एक भी विद्यालय में गड़बड़ी पकड़ने के लिए निरीक्षण नहीं किया है। विभागीय अफसर कागजों में तो विद्यार्थियों को लाभ पहुंचाने का दावा कर रहे हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ ओर ही बयां कर रही है। जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ. धर्मवीर सिंह ने कहा, 'स्कूलों में लगातार निरीक्षण कर व्यवस्था परखी जाएगी। बिना बताए अवकाश पर रहने वाले शिक्षकों व कार्यों में लापरवाही करने वाले प्रधानाचार्यो को नोटिस के साथ वेतन रोकने संबंधी कार्रवाई भी की जाएगी।'
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी धर्मेंद्र सक्सेना ने कहा, 'मिड डे मिल के जिला समन्वयक से मामले में जानकारी उपलब्ध कराने के आदेश दिए हैं। सभी विद्यालयों की पड़ताल की जाएगी। जल्द ही सभी छात्रों को लाभ पहुंचा दिया जाएगा।'