नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने गाजियाबाद की विशेष पीएमएलए अदालत से पत्रकार राणा अय्यूब के खिलाफ धन शोधन से जुड़े मामले की 27 जनवरी को निर्धारित सुनवाई, 31 जनवरी के बाद की तारीख तक स्थगित करने के लिए बुधवार को कहा. राणा अय्यूब ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा उनके खिलाफ दर्ज धनशोधन मामले में गाजियाबाद की विशेष पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम) अदालत द्वारा जारी समन को चुनौती दी है. अदालत ने उन्हें 27 जनवरी को पेश होने को कहा है. शीर्ष अदालत ने कहा कि वह राणा की याचिका पर 31 जनवरी को सुनवाई करेगी.
न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति वी. रामासुब्रमणियन की पीठ ने कहा, '' मामले को 31 जनवरी के लिए सूचीबद्ध करें. इस बीच गाजियाबाद विशेष अदालत से मामले की सुनवाई स्थगित करने और 27 जनवरी को निर्धारित सुनवाई को 31 जनवरी के बाद की तारीख पर रखने का आग्रह किया जाता है. अय्यूब की ओर से पेश हुईं अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर ने अदालत को बताया था कि गाजियाबाद की विशेष अदालत ने याचिकाकर्ता को 27 दिसंबर को तलब किया है. शीर्ष अदालत ने कहा कि यह आदेश इसलिए पारित किया गया है क्योंकि समय की कमी के कारण अय्यूब की याचिका पर बुधवार से पहले सुनवाई नहीं की जा सकती. अय्यूब ने अपनी रिट याचिका में अधिकार क्षेत्र के बाहर कार्रवाई करने का हवाला देते हुए प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गाजियाबाद में शुरू की गई कार्यवाही को रद्द करने का अनुरोध किया है, क्योंकि धन शोधन का कथित अपराध मुंबई में हुआ था.
गाजियाबाद की विशेष पीएमएलए अदालत ने पिछले साल 29 नवंबर को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दायर अभियोजन शिकायत का संज्ञान लिया था और अय्यूब को तलब किया था. प्रवर्तन निदेशालय ने पिछले साल 12 अक्टूबर को अय्यूब के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था, जिसमें उन पर लोगों को धोखा देने और अपनी निजी संपत्ति बनाने के लिए 2.69 करोड़ रुपये के 'चैरिटी फंड' (परमार्थ निधि) का इस्तेमाल करने तथा विदेशी चंदा कानून का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है.