ब्लैक टावर में तब्दील हुआ सुपरटेक ट्विन्स टावर, तोड़ने की जिम्मेदारी एडिफिस एजेन्सी को

Update: 2022-06-11 08:38 GMT

नॉएडा न्यूज़: नोएडा के सेक्टर-93 में स्थित सुपरटेक ट्विन्स टावर को अब ब्लैक टावर में तब्दील किया जा रहा है। ट्विन्स टावर को तोड़ने की जिम्मेदारी एडिफिस एजेन्सी को मिली है। इसके अलावा पूरी बिल्डिंग में करीब 10 हजार छेद भी किए गए हैं। ट्विन्स टावर आगामी 21 अगस्त को तोड़ा जाएगा। इसको लेकर तैयारी जोर-शोर से चल रही है। पिछले दिनों उत्कृष मेहता ने 'ट्राईसिटी टुडे' से खास बातचीत की थी। उन्होंने बताया था कि किस तरीके से ट्विन्स टावर को तोड़ा जाएगा।

क्यों किया गया ऐसा इंतजाम: मिली जानकारी के मुताबिक सुपरटेक ट्विन्स टावर को पूरी तरह से ब्लैक रंग के जिओ टेक्सटाइल फाइबर से ढका जा रहा है। यह मलबे को आसपास बिखरने से बचाने के लिए उपाय हैं। इसके अलावा ट्विन्स टावर के ज्वाइंट को तोड़ा गया है। प्रत्येक पिलर को सफेद रंग के जिओ फाइबर टेक्सटाइल से कम से कम 4 बार लपेटा गया है। इसके अलावा पिलर को लोहे की जाली से घेरा गया है। जिससे ब्लास्ट के दौरान मलबा आसपास की इमारतों तक न जाए।

21 अगस्त तोड़े जाएंगे दोनों टावर: बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट ने ट्विन्स टावर तोड़ने वाली एडिफिस एजेन्सी को राहत दी थी। ट्विन्स टावर तोड़ने का जिम्मा अफ्रीकन कंपनी एडिफिस को मिला है। सुप्रीम कोर्ट ने एजेंसी को ट्विन्स टावर को 28 अगस्त तक तोड़ना का आदेश दिया था। पहले सुप्रीम कोर्ट ने 22 मई की तारीख दी थी, लेकिन एडिफिस कंपनी ने सुप्रीम कोर्ट से 3 महीने का समय मांगा था। जिसके बाद एजेंसी को 3 महीने का समय और मिला। एजेंसी ने पहले कहा था कि वो 28 अगस्त तक दोनों टावर को तोड़ देंगे, लेकिन पिछले दिनों नोएडा अथॉरिटी के बोर्ड रूम में बैठक हुई। जिसमें एजेंसी के अधिकारियों ने बताया कि वो आगामी 21 अगस्त को ट्विन्स टावर को तोड़ेंगे।

शहर का सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे होगा बंद: नोएडा प्राधिकरण की मुख्य कार्यपालक अधिकारी ऋतु महेश्वरी ने जानकारी देते हुए बताया कि 21 अगस्त को नोएडा सेक्टर-93ए में स्थित सुपरटेक ट्विन्स टावर को ध्वस्त किया जाएगा। इस दिन नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे बंद रहेगा। जिसकी वजह से इस एक्सप्रेसवे से गुजरने वाले लोगों को दिक्कतों का सामना ना करना पड़े। आपको बता दें कि यह शहर का सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे है। जो नोएडा और ग्रेटर नोएडा को जोड़ता है।

60 मंजिल ऊंचा धूल का गुब्बारा उठेगा: इमारतों को ध्वस्त करने वाली कंपनी एक्सजीक्यूट प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक और ध्वस्तीकरण विशेषज्ञ आनंद शर्मा ने बताया कि जिस समय विस्फाेटक से दोनों टावरों को गिराया जाएगा, उस समय मलबे से करीब 60 मंजिल ऊंचा धूल का गुब्बारा उठेगा। जिससे आसपास में प्रदूषण का स्तर काफी ज्यादा बढ़ जाएगा, लेकिन इमारतों को इससे बचाने के लिए वाटर जैट, फायर टेंडर और फव्वारों का इंतजाम किया जाएगा।

धूल का गुब्बारा 15 मिनट तक रहेगा: धूल के गुब्बारा का असर करीब 15 मिनट तक रहेगा। हालांकि, यह हवा की गति पर भी निर्भर करेगा कि धूल का प्रवाह हवा के साथ किस ओर होगा। टावर ध्वस्त होने से उठने वाली धूल का मुद्दा प्रदूषण के लिहाज से भी अहम होगा। इमारत को ध्वस्त करने के बाद मलबे के निस्तारण के लिए इसे डिमालिशन साइट तक पहुंचाने का कार्य ट्रकों से किया जाएगा। इससे भी वातावरण में पीएम-2.5 का बढ़ना तय माना जा रहा है। इसको लेकर पर्यावरणविदों चिंतित हैं। ट्विन्स टावर में 40 मंजिल हैं। दोनों टावर्स में करीब 1000 फ्लैट हैं।

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