दिल्ली विश्वविद्यालय में चार वर्षों बाद होने जा रहा है 'छात्र संघ चुनाव'
नई दिल्ली (आईएएनएस)। दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रसंघ चुनाव की तिथियों की घोषणा कर दी है। दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि 12 सितंबर नामांकन की अंतिम तिथि एवं 22 सितंबर को चुनाव की तिथि के रूप में घोषित किया गया है। इससे पहले विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव वर्ष 2019 में करवाए गए थे।
कोरोना महामारी के कारण लंबे समय तक शिक्षण संस्थान बंद रहे। अधिकतर क्लास ऑनलाइन माध्यमों से ही ली गई। यही कारण है कि वर्ष 2019 के उपरांत अब 2023 में छात्र संघ चुनाव होने जा रहे हैं।
विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि मतदान 22 सितंबर को होगा। लेकिन, अभी मतगणना और चुनाव नतीजे घोषित करने की तारीख घोषित नहीं की गई है।
इसके साथ ही चुनाव तिथियों की अधिसूचना जारी होते ही दिल्ली विश्वविद्यालय में आचार संहिता भी लागू हो गई है।
विश्वविद्यालय का कहना है कि छात्रसंघ चुनाव में लिंगदोह कमेटी व सुप्रीम कोर्ट की सिफारिशों का पालन सुनिश्चित करवाया जाएगा।
छात्रसंघ चुनावों की घोषणा होने के उपरांत दिल्ली विश्वविद्यालय के विभिन्न छात्र संगठनों ने भी अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। चुनावों को लेकर सभी छात्र संगठन अपनी-अपनी रणनीति बना रहे हैं।
दिल्ली विश्वविद्यालय के मुताबिक छात्र संघ चुनाव के लिए नामांकन पत्र 12 सितंबर दोपहर 3 बजे तक जमा कराए जाने हैं। नामांकन दर्ज कराने के बाद उसी दिन नामांकन पत्रों की स्क्रूटनी की जाएगी। स्क्रूटनी में जिन उम्मीदवारों का नॉमिनेशन सही पाया जाएगा वह उम्मीदवार चुनाव लड़ सकेंगे।
उम्मीदवार अपना नाम 13 सितंबर दोपहर 12 बजे तक वापस ले सकते हैं। फाइनल उम्मीदवारों की अंतिम सूची 13 सितंबर शाम 5 बजे जारी की जाएगी। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद समेत विभिन्न छात्र संगठनों व छात्रों ने इसे बहुप्रतीक्षित फैसला बताया।
विद्यार्थी परिषद का कहना है कि वे इसका सम्पूर्ण छात्र समुदाय की ओर से स्वागत करते हैं एवं समस्त छात्र समुदाय को शुभकामनाएं प्रेषित करते हैं।
अभाविप के हर्ष अत्री ने कहा, 2019 के बाद होने जा रहे दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव पुन विश्वविद्यालय को नवीन सकारात्मक नेतृत्व प्रदान करेंगे।
अभाविप के नेतृत्व वाली अब तक के छात्रसंघ ने विश्वविद्यालय परिसर में पिछले चार वर्षों में अनेक महत्वपूर्ण कार्य किया है। इस बार भी अपने सकारात्मक एवं रचनात्मक कार्यों के दम पर अभाविप भारी बहुमत से विजयी होगी।