चोरी के वाहन कोडिंग से जान सकेंगे, हर कंपनी और पार्ट्स के लिए अलग नंबर होगा
नोएडा न्यूज़: चोरी होने के बाद वाहन के पहचानने का झंझट खत्म हो जाएगा. नकली पार्ट्स की बिक्री भी रुक जाएगी. इसके लिए वाहनों और पार्ट्स की जेनेटिक कोडिंग होगी.
वाहन चोरी होना और वाहनों के नकली पार्ट्स बिकना आम बात है. चोरी किए वाहन का चेचिस नंबर और अन्य पहचान के चिह्न हटा कर उपयोग किया जाता है. इस पर अंकुश लगाने के लिए रोजमेर्टा टेक्नोलॉजी लिमिटेड कंपनी ने प्रोजेक्ट शुरू किया है. इससे निपटने को कंपनी वाहन और उसके हर पार्ट्स में माइक्रो डॉट लगाएगा. यह डॉट निकिल धातु के होंगे. ये डॉट इतने छोटे होंगे कि इनको पढ़ा नहीं जा सकता है. हर डॉट पर 12 अंक का नंबर लिखा होगा. एक वाहन के लिए एक ही नंबर होगा. एक वाहन में पांच हजार से अधिक माइक्रो डॉट होंगे. इसलिए आसानी से इसे हटाया नहीं जा सकता है. इन्हीं से वाहन की पहचान होगी.
कंपनी के प्रेसीडेंट कार्तिक वी नागपाल बताते हैं कि ऑटो पार्ट्स में माइक्रो डॉट डाले जाएंगे. इससे नकली पार्ट्स नहीं बिक पाएंगे. हर कंपनी और उसके पार्ट्स के लिए अलग नंबर होगा.
पंसद आई तकनीक कंपनी ने पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है. दोपहिया और कार निमार्ता कंपनियों के साथ मिलकर काम चल रहा है. कंपनियों को यह तकनीक पसंद आई है. माइक्रो डॉट लगे वाहन और पाट'र्स बहुत जल्द यह बाजार में होंगे.
सुरक्षा काम कंपनी वाहनों और सड़क सुरक्षा को लेकर काम रही है. डिजिटल आरसी और उसमें बदलाव के लिए काम भी करती है. आठ राज्यों में काम करने वाली कंपनी हर माह 15 लाख डिजिटल कार्ड बनाती है.