अविश्वास प्रस्ताव पर भाषण के बीच सोनिया गांधी दे रही थीं राहुल को निर्देश, जानें- कब दिए, कौन से संकेत
नई दिल्ली | केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ लाए गए दूसरे अविश्वास प्रस्ताव के दौरान बुधवार को जब कांग्रेस सांसद राहुल गांधी चर्चा में भाग ले रहे थे और मोदी सरकार पर हमला बोल रहे थे, तब उनसे अगली पंक्ति में बैठीं उनकी मां सोनिया गांधी रह-रहकर उन्हें इशारों में ही निर्देश दे रही थीं। मसलन, वह राहुल को यह कहती हुई देखी गईं कि लोकसभा स्पीकर की तरफ देखकर भाषण दें।
लोकसभा में राहुल के पूरे भाषण के दौरान, सोनिया गांधी अपने बेटे को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश देती रहीं कि उनके शब्द सटीक हों। राहुल को भी अपनी मां की सलाह तेजी से मानते हुए देखा गया। राहुल गांधी के भाषण पर जब विपक्ष हंगामा करने लगा तो INDIA गठबंधन के घटक दलों के सदस्य भी वेल में आ गए। तब सोनिया गांधी ने अपने बगल में बैठे कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी से आक्रामकता बढ़ाने की अपील की।
विपक्षी सदस्यों में, तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने सबसे पहले भाजपा सांसदों पर चिल्लाना शुरू किया, जब राहुल के भाषण के दौरान सत्ता पक्ष के लोगों ने रोक टोक की और अन्य मुद्दे उठाने लगे। हालाँकि, जब वह थोड़ी देर के लिए जब चर्चा के लिए सोनिया गांधी के पास गईं तो सदन का दृश्य बदल गया। इसके बाद टीएमसी सांसद ने सहयोगी सांसदों से वेल से हटने और अपनी-अपनी सीटों पर वापस जाने का अनुरोध किया।
सोनिया गांधी की ओर से राहुल को आखिरी इशारा उनके भाषण के अंत में तब किया गया, जब एक बार तस्वीर अपने हाथ में लेकर दिखाने और फिर उसे अपने पास रखने के लिए कहा। इसके बाद राहुल ने पीएम मोदी और गौतम अडानी की विमान में एक साथ बैठे हुए एक पुरानी तस्वीर दिखाई और कहा कि प्रधानमंत्री केवल दो लोगों की बात सुनते हैं, अमित शाह और गौतम अडानी, जैसे रावण केवल दो लोगों की सलाह पर ध्यान देता है – मेघनाद और कुंभकरण।
राहुल ने अपने भाषण में मणिपुर हिंसा के जिक्र के दौरान भी अपनी मां सोनिया का जिक्र किया और कहा, "मेरी एक मां यहां सदन में बैठी हैं। दूसरी मां, भारत माता, की आपने (केंद्र) मणिपुर में हत्या कर दी।" उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने पूर्वोत्तर राज्य को दो हिस्सों में बांट दिया है। राहुल ने आरोप लगाया कि भाजपा के लोग देशभक्त नहीं हैं, देशद्रोही हैं जिन्होंने मणिपुर में हिन्दुस्तान की हत्या की है। राहुल की इस बात पर सदन में खूब हंगामा हुआ और मोदी सरकार के कई मंत्री खड़े होकर विरोध करने लगे।