सिंगल मदर को मिला पहला SC-ST जाति प्रमाण पत्र, 8 साल के बाद मिली सफलता

दिल्ली में सिंगल मदर के नाम से भी बच्चों का जाति प्रमाण पत्र बनेगा।

Update: 2022-01-04 14:27 GMT

दिल्ली में सिंगल मदर के नाम से भी बच्चों का जाति प्रमाण पत्र बनेगा। इसकी शुरुआत दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सिंगल मदर के एससी-एसटी जाति प्रमाण पत्र को सौंप कर किया। दिल्ली में पहली बार बच्चों को उनकी माता के प्रमाण पत्र के आधार पर अनूसूचित जाति-जनजाति के प्रमाण पत्र दिया गया है।

मनीष सिसोदिया ने मंगलवार को करोल बाग के विधायक विशेष रवि की मौजूदगी में गीता देवी को उनके बेटे का जाति प्रमाण पत्र दिया है। सिसोदिया ने कहा कि करोल बाग के विधायक विशेष रवि के प्रयासों के बाद यह संभव हुआ है। लंबे संघर्ष के बाद अनुसूचित जाति वर्ग के बच्चे को उसकी माता के प्रमाण पत्र के आधार पर उसका एससी प्रमाण पत्र मिला है। 8 वर्ष के लंबे संघर्ष के बाद एससी वर्ग की 'सिंगल मदर' के पुत्र को उसकी माता के एससी वर्ग प्रमाण पत्र के आधार पर एससी वर्ग का प्रमाण पत्र मिला है।
किसे कहते हैं सिंगल मदर
'सिंगल मदर' वो महिलाएं होती हैं, जिन्हें उनके पति द्वारा निष्काषित कर दिया जाता है। जिन्हें पति ने तलाक दे दिया हो या फिर उनके पति ने किसी दूसरी महिला से शादी कर ली हो। ऐसी महिलाओं के बच्चों को ही माता के एससी-एसटी वर्ग प्रमाण पत्र के आधार पर एससी-एसटी वर्ग का प्रमाण पत्र मिल सकेगा। अभी तक एससी-एसटी वर्ग का प्रमाण पत्र केवल पिता के एससी-एसटी वर्ग के प्रमाण पत्र के आधार पर ही मिला करता था। जिसकी वजह से 'सिंगल मदर्स' अपने बच्चों को यह अधिकार नहीं दिलवा पाती थी। अगर वह ऐसा करने की पहल भी करती थीं तो उनको अपने ससुराल वालों के द्वारा उत्पीड़न सहनी पड़ती थी। इस सब की वजह ऐसे बच्चे अपने संवैधानिक अधिकारों से वंचित रह जाते थे। इससे पहले कोर्ट ने भी माना की अगर बच्चे ने समाज का दुर्व्यवहार सहा है तो वह अपनी माता की जाति पर जाति प्रमाण पत्र बनवा सकता है।

आठ साल का संघर्ष चढ़ा परवान
गीता देवी एससी वर्ग की एक ऐसी महिला हैं जो कि सिंगल मदर हैं। जिन्होंने अपने बच्चे को एससी वर्ग का प्रमाण पत्र दिलवाने के लिए 8 वर्षों तक संघर्ष किया। उनकी ऐप्लिकेशन को कई बार यह कहते हुए रिजेक्ट कर दिया जाता था कि बच्चे के पिता का एससी वर्ग का प्रमाण पत्र संलग्र नहीं है। एक साल पहले गीता देवी इस समस्या का निवारण पाने हेतु विधायक विशेष रवि के कार्यालय पहुंची थी। समस्या को सुलझाने की गुहार लगायी। तब से विधायक विशेष रवि ने कई चिट्ठियां लिख कर इस मामले को दिल्ली सरकार के राजस्व विभाग, समाज कल्याण विभाग और एससी-एसटी वेलफेयर विभाग के सामने रखा। उन्होंने 2020 में यह मुद्दा दिल्ली विधानसभा में भी उठाया था।
गीता देवी का पुत्र दिल्ली में ऐसा पहला बच्चा है, जिसे एससी वर्ग का प्रमाण पत्र उसकी माता के एससी वर्ग के प्रमाण पत्र के आधार पर मिला है। एससी/एसटी वर्ग का प्रमाण पत्र देने के कानून की प्रक्रिया को संशोधित करने का सर्कुलर 20 जुलाई 2020 को दिल्ली के राजस्व मंत्री द्वारा नोटिफाई किया गया था।


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