NCRB की रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा, नकली नोटों के धंधे के गिरोह का

Update: 2022-09-01 17:07 GMT

2016 में केंद्र सरकार की ओर से काला धन और नकली करंसी समाप्त करने के लिए बड़ा फैसला लेते हुए अचानक से 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट बंद कर दिया था। इसके बावजूद कई जगहों पर अभी भी नकली नोटों का धंधा चल रहा है। अब ताजा खबर राष्‍ट्रीय राजधानी दिल्‍ली से सामने आई है कि, यहां नकली नोटों का धंधा जोरों से चल रहा है।

NCRB की रिपोर्ट में चौंकाना वाला खुलासा :

दरअसल, इस बारे में NCRB की रिपोर्ट में चौंकाना वाला खुलासा हुआ है और साल 2021 में दिल्ली पुलिस द्वारा नकली नोटों की बरामदगी में 1342% की तेजी से वृद्धि दर्ज की है। इस दौरान दिल्‍ली पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया कि, ''राज्य और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई गिरोह सक्रिय हैं, जो बिहार, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश या बांग्लादेश, पाकिस्तान और नेपाल से नकली नोट ला रहे हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के राष्ट्रीय राजधानी के लिए विशिष्ट 2021 के आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल 2.05 करोड़ रुपये मूल्य के 50,151 से अधिक नकली मुद्रा नोट बरामद किए गए थे। 2020 में, लॉकडाउन के दौरान जब यात्रा प्रतिबंधित थी, तब 4.16 लाख रुपये मूल्य के केवल 3,476 नकली नोट बरामद किए गए थे।''

इन सीमाओं के माध्यम से काम करता है ये गिरोह :

तो वहीं, एक पुलिस अधिकारी ने यह भी बताया कि, ''ये गिरोह ज्यादातर भारत-नेपाल या भारत-बांग्लादेश सीमाओं के माध्यम से काम करते हैं। 2016 में विमुद्रीकरण के बाद, विदेशों से FICN के प्रचलन में एक विराम लगा था, लेकिन गिरोहों ने फिर से नोटों की तस्करी शुरू कर दी है। बरामद किए गए नोट उच्च गुणवत्ता के हैं और इन्हें नग्न आंखों से नहीं पहचाना जा सकता है। उनके पास एक ही रंग, निशान, सुरक्षा धागे, बनावट आदि हैं।''

नकली नोटों की कुछ खेप खाड़ी से भारत के पड़ोसी देशों में हवाई मार्ग से लाई जाती हैं और फिर नेपाल सीमा के माध्यम से तस्करी की जाती है।

हजारों रूपए में बिकते है नकली नोट :

पुलिस की ओर से आगे यह भी बताया गया कि, ''गिरोह आमतौर पर 1 लाख मूल्य के नकली नोट 40,000 रुपये में बेचते हैं। पिछले साल बड़ी संख्या में नकली नोट 100 रुपये और 500 रुपये के मूल्यवर्ग में बरामद किए गए थे।''

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