आईजीआई के चौथे रनवे पर छाया रूस यूक्रेन युद्ध का साया

Update: 2023-02-04 17:14 GMT
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली का इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (आईजीआई) देश का पहला ऐसा एयरपोर्ट बन गया है, जहां चार रनवे है। पर इसके चौथे रनवे पर गत एक वर्ष से चल रहे रूस यूक्रेन युद्ध का साया छा गया है। इस रनवे के आधारभूत संरचना को तैयार हुए छह माह से अधिक हो चुके हैं।
इस निर्माण कार्य को पूरा करने वाली दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल) निर्माण के बाद इसे एयरपोर्ट ऑथेरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) को ट्रायल के लिए सौंप दिया था। पर इस पर इलेक्ट्रॉनिक इक्विपमेंट्स और लाइटों के इंस्टॉलेशन का कार्य जोकि एएआई के निरीक्षण में होने थे उपलब्ध नहीं होने के कारण ट्रायल शुरू नहीं कर पाई है।
जानकारी के अनुसार रनवे पर लगाई जाने वाली लाइटें और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जोकि रनवे पर विमानों के उतरने और उड़ान भरने के दौरान उन्हें नेविगेट करने में सहायक होती है उनमें ज्यादातर रूस और उसके आस पास के यूरोपीय देशों से आयात होकर आने हैं। उनके भारत आने का रूट रूस और यूक्रेन के युद्ध ग्रस्त इलाकों और हवाई क्षेत्र से होकर गुजरता है।
मिली जानकारी के अनुसार अगर यह उपकरण किसी दूसरे मार्ग से मंगवाए जाते हैं, तो इनकी लागत कई गुणा बढ़ जाएगी। जिसका सीधा असर रनवे के निर्माण के बजट पर पड़ेगा। पहले ही इस रनवे के निर्माण में कोरोना के दौरान लगाए गए लॉकडाउन के कारण इसके निर्माण निर्धारित समय से देर से पूरा हो सका। तैयार होने में करीब छह वर्षों का समय लग गया। तैयार हुआ यह रनवे दुनिया की सबसे सुरक्षित व सुविधाओं से लैस रनवे है। जिस पर 2022 के अंत तक उड़ानों का संचालन शुरू कर दिए जाने की योजना थी। तत्काल एयरपोर्ट ऑपरेशन इस समस्या के दूसरे ऑप्स की तलाश में जुटी है।
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