दुष्कर्म का सनसनीखेज मामला, 20 साल की लड़की ने 7 अलग-अलग पुरुषों पर लगाए रेप के आरोप, फिर...
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गुरुग्राम. हरियाणा पुलिस के सामने दुष्कर्म से जुड़ा एक अजीबोगरीब सामने आया है. गुरुग्राम की 20 वर्षीय एक युवती ने पुलिस को शिकायत दी है, जिसमें उसने बताया है कि उसके साथ एक साल में 7 बार रेप हुआ. कथित रूप से 7 अलग-अलग पुरुषों ने अलग-अलग समय पर लड़की के साथ रेप किया. गुड़गांव पुलिस ने युवती की शिकायत पर विभिन्न थानों में रेप के 7 मामले दर्ज किए हैं.
युवती की शिकायत पर ताजा मामला 24 अक्टूबर 2021 को दर्ज किया गया है. मामले का संज्ञान लेते हुए हरियाणा राज्य महिला आयोग ने प्रदेश के DGP को निर्देश दिए हैं कि इन केसों की जांच के लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) का गठन किया जाए. आयोग ने इस मामले को अनोखा केस मानते हुए यह निर्देश दिए.
महिला आयोग की अध्यक्ष प्रीति भारद्वाज दलाल के अनुसार, 3 दिन पहले, 24 अक्टूबर को गुरुग्राम पुलिस ने 20 साल की युवती की शिकायत पर एक व्यक्ति के खिलाफ यौन उत्पीड़न का मामल दर्ज किया। इस केस के साथ ही युवती चर्चा में आ गई. सोशल मीडिया में खबरें आईं कि युवती एक साल में अलग-अलग पुलिस थानों में रेप और यौन उत्पीड़न के 7 केस दर्ज करा चुकी है. कुछ लोगों ने राज्य महिला आयोग में इसकी शिकायत करते हुए कार्रवाई की गुहार लगाई. सभी केसों को संदेहास्पद बताते हुए सीएम को भी शिकायतें भेजी गई. मामला बढ़ता देख हरियाणा राज्य महिला आयोग ने DGP को व्यापक जांच के निर्देश दे दिए हैं.
महिला पुलिस अधिकारी को बनाया जाए SIT का चीफ
महिला आयोग की अध्यक्ष प्रीति भारद्वाज दलाल ने बुधवार को बताया कि महिला आयोग ने हरियाणा के डीजीपी पीके अग्रवाल को पत्र लिखकर निर्देश दिए हैं कि युवती की ओर से दर्ज कराए गए मामलों की जांच के लिए SIT बनाई जाए. SIT की प्रमुख एक वरिष्ठ महिला पुलिस अधिकारी को बनाया जाए और इसमें एक पुरुष पुलिस अफसर को सहप्रमुख बनाते हुए 3 अन्य अधिकारी शामिल किए जाएं.
महिला आयोग ने कहा कि इस अपवादजनक मामले का निपटान, संतोषजनक रूप से भेदभाव रहित, सही तथ्यों और परिस्थितियों की तह में जाकर और कानून के दायरे में रहकर जांच की जाए. आयोग ने गुरुग्राम के पुलिस कमिश्नर को पत्र लिख कर इन केसों में अभी तक की गई कार्रवाई की रिपोर्ट भी तलब की है.
युवती ने पुरुषों को शिकार तो नहीं बनाया !
महिला आयोग ने स्पष्ट किया है कि महिला सुरक्षा के लिए आयोग के लिए सर्वोपरि है. एक विशेषज्ञ निकाय के रूप में आयोग महिलाओं के सामाजिक, आर्थिक, कानूनी और संवैधानिक अधिकारों के संरक्षण के लिए काम करता है और उनका समर्थन करता है. आयोग का मानना है कि बिना किसी लिंग भेद के कानून हर व्यक्ति की सुरक्षा के लिए भी बनाया गया है, ऐसे कुछ मामले आयोग के समक्ष आए हैं, जिसमें महिलाओं ने कानून का कहीं ना कहीं गलत इस्तेमाल किया गया. यह मामला भी इनमें से किसी तरह का हो सकता है, इसलिए आयोग ने पुलिस से तत्काल कार्रवाई और ध्यान देने की जरूरत जताई है.