यमुना प्राधिकरण क्षेत्र के निवासियों को बेहतर सार्वजनिक परिवहन सेवा मिलेगी
एनसीआर नोएडा न्यूज़: यीडा सिटी के सभी सेक्टर में आवागमन आसान बनाने के लिए ट्राम और बस चलाई जाएंगी ताकि लोगों को अपने घर के पास से सार्वजनिक वाहन की सुविधा मिल सके. इनकी फ्रीक्वेंसी पर भी ध्यान रखा जाएगा. इस तरह का इंतजाम किया जाएगा कि हर दस मिनट में आपको अपने गंतव्य तक जाने के लिए ट्राम या बस मिल सके. यीडा इस योजना पर जल्द काम शुरू करने की तैयारी में है. सबसे पहले सलाहकार एजेंसी का चयन किया जाएगा.
यीडा के आवासीय सेक्टर काफी बड़े हैं. अकेले सेक्टर-18 और 20 करीब 10 हजार हेक्टेयर में विकसित हुए हैं. इसमें 21 हजार भूखंड हैं. इन सेक्टर में 16 हजार से अधिक आवंटियों को रजिस्ट्री के लिए ऑफर किया जा चुका है.
दावा है कि अधिकतर आवंटियों ने रजिस्ट्री करवा ली है. इसी तरह अन्य आवासीय सेक्टर में 16, 17, 22 डी आदि शामिल हैं. इसके अलावा ग्रुप हाउसिंग परियोजनाएं भी हैं. यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे से मेट्रो गुजरेगी. सार्वजनिक परिवहन बेहतर रहा तो लोग मेट्रो तक आसानी से आ सकेंगे. इसलिए यीडा इन सेक्टर में रहने वाले लोगों के लिए सार्वजनिक परिवहन की व्यवस्था को बेहतर बनाएगा.
जल्द तय होगी सलाहकार कंपनी प्राधिकरण अपने आवासीय सेक्टर में ट्राम और बस चलवाएगा. हर 30 मीटर चौड़ी रोड पर ट्राम चलेगी. इसी तरह बस भी चलवाई जाएंगी. योजना के मुताबिक, बड़ी बसों के बजाय मिनी बसें चलवाने पर जोर रहेगा. इसकी फ्रीक्वेंसी पर ध्यान दिया जाएगा. ताकि लोगों को ट्राम या बस का काफी समय तक इंतजार नहीं करना पड़े. अधिकारियों ने बताया कि यमुना प्राधिकरण जल्द ही इस परियोजना की डीपीआर बनाने के लिए सलाहकार कंपनी का चयन करेगा. ताकि इस पर काम शुरू हो सके.
यमुना प्राधिकरण के सभी सेक्टर में ट्राम और बस चलाई जाएंगी. ताकि लोग सार्वजनिक परिवहन का उपयोग सुगमता से कर सकें. इस पर जल्द काम शुरू किया जाएगा.
-डॉ. अरुणवीर सिंह, सीईओ, यमुना प्राधिकरण
इसलिए बनाई योजना: यह परियोजना मेट्रो को लाभान्वित करेगी. एयरपोर्ट मेट्रो का कॉरिडोर यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे बनेगा. ट्राम और बस सेवा से सेक्टर के लोगों की मेट्रो तक आसानी से पहुंच हो सकेगी. इससे मेट्रो की राइडरशिप भी बढ़ेगी. ग्रेटर नोएडा की एक्वालाइन मेट्रो से सेक्टर की कनेक्टिविटी बेहतर नहीं होने से लोग मेट्रो की सवारी कम करते हैं. इस कमी को दूर करने के लिए यमुना प्राधिकरण ने यह योजना बनाई है.
क्या है ट्राम: ट्राम या ट्रॉली कार रेल वाहन है. जो अमूमन शहरी सड़कों के साथ-साथ बिछाई गई पटरियों पर चलती है. यह बिजली से चलती है. इसकी खास बात यह है कि इसे शहर के बीच चला सकते हैं. कोलकाता में पहली बार 1873 में ट्राम चली थी. उस समय इसे घोड़े खींचते थे. बीच में चार साल बंद रहने के बाद 1880 में यह सेवा दोबारा शुरू हुई थी. 27 मार्च 1902 को बिजली से ट्राम चलने लगी. 2011 में कोलकाता महानगर में 180 ट्रामें थीं. यही ट्राम यमुना प्राधिकरण के सेक्टर में चलाने की योजना है.
यीडा औद्योगिक सेक्टर में पहले ही पॉड टैक्सी चलाने का फैसला ले चुका है. एयरपोर्ट और प्रस्तावित फिल्म सिटी के बीच चलने वाली पॉड टैक्सी से औद्योगिक सेक्टर को भी जोड़ा जाएगा. डीपीआर के मुताबिक, एयरपोर्ट और फिल्म सिटी के अलावा सेक्टर 29, सेक्टर 32, सेक्टर 33, सेक्टर 21 आदि में पॉड टैक्सी चलेगी. ये सभी औद्याोगिक सेक्टर हैं. इसमें 12 स्टेशन बनाए जाएंगे. इस कॉरिडोर की लंबाई 14.6 किलोमीटर होगी. इसके निर्माण में 641.53 करोड़ रुपये खर्च होंगे. पॉड टैक्सी के लिए टेंडर निकाले जाने हैं, लेकिन इससे पहले सरकार ने कहा है कि पॉड टैक्सी परियोजना के टेंडर निकालने से पहले एक और अध्ययन किया जाए. जिन देशों में पॉड टैक्सी चल रही है, वहां का अध्ययन किया जाएगा. उसके सभी पहलुओं को देखा जाएगा. यह रिपोर्ट आने के बाद टेंडर निकालने का फैसला लिया जाएगा.