RBI के डिप्टी गवर्नर ने कहा, बैंकों की प्रशासनिक खामियां दूर करने के लिए सही समय
नई दिल्ली। विभिन्न बैंकों में पिछले दिनों पाई गई खामियों और उसके बाद केंद्रीय बैंक द्वारा की गई कार्रवाई की पृष्ठभूमि में आरबीआई के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा है कि बैंकों के प्रशासनिक ढांचे की कमियां दूर करने के लिए यह सही समय है। आरबीआई के डिप्टी गवर्नर राजेश्वर राव ने कहा, इस मोड़ पर भारत में बैंकिंग क्षेत्र मजबूत, जोखिमों का सामना करने के लिए तैयार और वित्तीय रूप से सशक्त है। इसलिए, बेहतर भविष्य के लिए प्रशासनिक ढांचे, एश्योरेंस फंकशन और रणनीति की खामियों को दूर करने के लिए यह सही समय है।
वह हाल ही में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लिए आरबीआई द्वारा आयोजित बैंक निदेशकों के सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
राव की यह टिप्पणी आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास के उस बयान के कुछ दिन बाद आई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि इस मामले में दिशा-निर्देश जारी करने के बावजूद केंद्रीय बैंक ने बैंकों के कॉरपोरेट प्रशासन में कुछ खामियां पाई हैं।
उन्होंने सलाह दी थी कि बैंकों के बोर्ड और प्रबंधन को इस तरह की खामियों को पनपने नहीं देना चाहिए।
केंद्रीय बैंक के शीर्ष अधिकारियों के ये विचार ऐसे समय में आए हैं जब विभिन्न बैंकों के प्रशासन में कुछ चूक सामने आए हैं और आरबीआई ने उन पर कार्रवाई की है।
राव ने अपने संबोधन में आगे कहा कि बैंक बोर्ड अक्सर आचरण से जुड़े मामलों पर ध्यान नहीं देते हैं।
यह बताते हुए कि ग्राहक सेवा, ग्राहक आचरण और कर्मचारियों का नैतिक व्यवहार बैंकिंग के लिए महत्वपूर्ण हैं, राव ने कहा कि बैंकों के बोडरें को इन पहलुओं पर पूरा ध्यान देना चाहिए।
उन्होंने कहा, इन क्षेत्रों में अच्छी या सर्वोत्तम आचरण सफल वित्तीय संस्थान की इमारत के प्रमुख सॉफ्ट पिलर हैं, और मौजूदा चुनौतीपूर्ण समय में उनका महत्व और बढ़ जाता है।